पुरी :ओड़िशा के जगन्नाथ मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. आज किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में दर्शन के लिए नहीं जाने दिया जाएगा. रत्न भंडार (कोषागार) के आंतरिक कक्ष से कीमती सामान को अस्थायी ‘स्ट्रांग रूम’ में स्थानांतरित किए जाने के चलते यह फैसला लिया गया है. बताया जा रहा कि 46 साल बाद महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार खोला जा रहा है.

मंदिर के तहखाने में स्थित रत्न भंडार में एक बाहरी और एक आंतरिक कक्ष है. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख अरबिंद पाधी ने कहा कि रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को फिर से खोलने की व्यवस्था की जा रही है, इसलिए हमने मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. गुरुवार सुबह आठ बजे के बाद किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है. केवल अधिकृत व्यक्तियों और सेवकों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई है.

सुबह से दोपहर तक चलेगी प्रक्रिया

एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी, न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ (रत्न भंडार की देखरेख के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षी समिति के अध्यक्ष), पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में बैठक हुई. न्यायमूर्ति रथ ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि 18 जुलाई को सुबह 9:51 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक भितरा रत्न भंडार में प्रवेश करेंगे. आंतरिक कक्ष में रखे कीमती सामान को अस्थायी भंडारगृह में स्थानांतरित किया जाएगा और एएसआई के सदस्य इसकी संरचनात्मक स्थिरता का भी आकलन करेंगे. पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी की जाएगी.

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