Rajasthan News: जयपुर. छत्तीसगढ़ से राजस्थान को कोयला आपूर्ति को लेकर विरोधाभासी बयानों से प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को स्थिति को स्पष्ट कर उससे जनता को अवगत कराना चाहिए.

छत्तीसगढ़ से कोयले की आपूर्ति को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 11 जुलाई को अपने एक बयान में कहा था कि राजस्थान के विद्युत गृहों के कोयले की आपूर्ति के लिए हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन पीईकेबी कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति दे दी है. इसके लिए मुख्यमंत्री शर्मा ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का धन्यवाद भी प्रकट किया था. मुख्यमंत्री शर्मा ने इसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी साझा की थी.

ऐसे हुआ विरोधाभास

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने विष्णु देव साय ने बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति देने के बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि हमने इस तरह की कोई अनुमति नहीं दी है. राजस्थान के मुख्यमंत्री की ओर से आभार जताने के सवाल पर साय ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, शायद उनसे कोई चूक हुई है.

गहलोत ने वस्तुस्थिति स्पष्ट करने की मांग

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय के बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह बेहद ही आश्चर्यजनक है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बयानों में विरोधाभास है. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल दावा करते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से राजस्थान के विद्युत गृहों के लिए कोयले की आपूर्ति हेतु हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन पीईकेबी कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति दे दी है.

परंतु आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय कहते हैं कि ऐसी कोई बात ही नहीं है. गहलोत ने कहा कि दोनों प्रदेशों की जनता को इसकी सच्चाई बताई जानी चाहिए. क्या दोनों मुख्यमंत्रियों को अधिकारी गुमराह कर रहे हैं या दोनों मुख्यमंत्री मिलकर अपने-अपने राजनीतिक हितों के अनुरूप जनता को गुमराह कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि इस तरह की भ्रम फैलाने वाली राजनीति से किसका भला होगा.

ये खबरें भी जरूर पढ़ें