नई दिल्ली .  पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सरकार ने हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ-साथ दिल्ली में विश्व स्तरीय सिटी फारेस्ट भी विकसित कर रही है.

‘प्रकृति के पास-परिवार के साथ’ की थीम पर दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में 3 नए सिटी फॉरेस्ट विकसित किए जाएंगे. ये सिटी फॉरेस्ट गढ़ी मांडू, लाल कुआं और उजवा में विकसित किए जाएंगे.

मंत्री ने बताया कि इस साल सात लाख 74 हजार से ज्यादा निशुल्क पौधे वितरित किए जाएंगे. अभियान के तहत इस साल 64 लाख से ज्यादा पौधे लगाने और वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को सभी हरित एजेंसियों सहयोग से पूरा किया जाएगा. इस दौरान निशुल्क औषधीय पौधों भी वितरित किए गए. गोपाल राय ने बताया कि इन सिटी फारेस्ट का पर्यावरण के अनुकूल विकास किया जाएगा. इसके तहत उनकी भौतिक संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. सिटी फॉरेस्ट को विकसित करने के मुख्य उद्देश्य के बारें में कहा कि हमारी सरकार दिल्ली के लोगों को ऐसी जगह देना चाहती हैं, जहॉं लोग प्रकृति का आनंद ले सकें.

साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी प्रकृति के बारे में जागरूक कर सके. सरकार दिल्ली के सिटी फारेस्ट को और बेहतर बनाने तथा इकोलॉजिकल सुरक्षा के आधार पर इनका विकास करने के लिए तत्पर हैं.

67 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य – उपराज्यपाल

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राजधानी में वनीकरण, पौधरोपण और विभिन्न स्थानों को हरा-भरा करने के कार्य की विस्तृत समीक्षा की.

उन्होंने पिछले दो वर्षों में इस दिशा में किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए, आगे की रणनीति के संबंध में अधिकारियों को निर्देश भी दिए. उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि जमीन की कमी के बावजूद 2024-25 में 67 लाख पेड़ों को लगाने का लक्ष्य है.

2022-23 के दौरान दिल्ली में 48 लाख पेड़ और झाड़ियों लगाई गईं, वहीं 2023-24 के दौरान यह संख्या बढ़कर 89 लाख हो गई. इनमें से अकेले DDA ने इसी अवधि के दौरान 14.61 लाख पेड़ लगाए थे.

उपराज्यपाल ने बैठक में कहा कि पहली बार दिल्ली में वनस्पतियों की नई किस्मों को लगाने की पहल की. पहली बार राजनिवास सहित विभिन्न स्थानों पर चेरी ब्लॉसम, चिनार, ग्रीन एप्पल, वाटर एप्पल और चंदन के पौधे लगाए गए. सितंबर 2022 के आसपास राजनिवास में लगाए गए ग्रीन एप्पल और वाटर एप्पल ने केवल 8 महीनों में पहला फल भी दे दिया. दूसरी ओर, मई 2023 में लगाए गए चेरी ब्लॉसम, चिनार और चंदन के पौधे भी अच्छी तरह से फल-फूल रहे हैं. इन वनस्पतियों की वृद्धि ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि इन पौधों और फलों को दिल्ली में नहीं उगाया जा सकता है.