दिल्ली. जीएसटी रिटर्न भरने की प्रक्रिया और आसान बनाई जाएगी. अगले साल 1 अप्रैल से इसके लिए नया फॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा, जो मौजूदा फॉर्म से सरल होगा. राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी.
उन्होंने भरोसा जताया कि सरकार जीएसटी संग्रह का बजटीय लक्ष्य प्राप्त कर लेगी. उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग को उन निकायों की जानकारी मिल रही है, जो टैक्स की चोरी कर रहे हैं. सरकार को चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में जीएसटी से 7.76 लाख करोड़ प्राप्त हुए हैं. चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में 13.48 लाख करोड़ रुपये जीएसटी के जरिये प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया गया है. इस लिहाज से औसतन 1.12 लाख करोड़ रुपये प्रति माह जीएसटी प्राप्ति होनी चाहिए.
पांडेय ने कहा, ‘नवंबर महीने में हम औसत से चार हजार करोड़ रुपये पीछे रहे हैं. किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले हमें कुछ और महीनों के आंकड़े देखने होंगे, लेकिन हमें भरोसा है कि लक्ष्य पाने में सफल रहेंगे. हमारा मासिक लक्ष्य करीब एक लाख करोड़ रुपये है. हम इसे बढ़ाकर 1.10 लाख करोड़ रुपये करना चाहते हैं.’ नवंबर महीने में जीएसटी प्राप्तियां 97,637 करोड़ रुपये रही.
पांडेय ने कहा कि रिफंड प्रक्रिया को और बेहतर किया जा रहा है और इसे पूरी तरह से ऑनलाइन एवं करदाताओं के अनुकूल बनाया जा रहा है. नए सरलीकृत फॉर्म के बारे में पूछे जाने पर पांडेय ने कहा, ‘हम एक अप्रैल से शुरू करने का लक्ष्य बना रहे हैं.’ केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी रिटर्न फॉर्म के सरलीकृत रूप के मसौदे को जुलाई में सार्वजनिक तौर पर सुझाव एवं टिप्पणियों के लिए पेश किया था. ‘सहज’ और ‘सुगम’ पर संबद्व पक्षों से उनकी राय मांगी गई थी. ये फॉर्म जीएसटीआर- 3बी (संक्षिप्त बिक्री रिटर्न फार्म) और जीएसटीआर- 1 (अंतिम बिक्री रिटर्न फार्म) का स्थान लेंगे. पांडे ने कहा कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक इसी महीने होगी.