संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. मुंगेली जिले के लोरमी क्षेत्र के वनांचल इलाकाें में अतिक्रमणक लगातार जारी है. खुड़िया वन क्षेत्र के जंगलों में आए दिन अतिक्रमण की शिकायत मिलती रहती है, जिसकी बू अब ATR के जंगलों तक पहुंच गई है. आज मुंगेली जिले में अचानकमार टाइगर रिजर्व अंतर्गत ग्राम महामाई में अतिक्रमण की रोकथाम के लिए बैठक आयोजित कर ग्रामीणों को समझाइश दी गई. इस दौरान सभी वन अधिकार पट्टों का निष्पक्ष जांच करने का निर्णय लिया गया.

बैठक में वन, राजस्व और पुलिस विभाग के संयुक्त टीम की उपस्थित रही. जानकारी के अनुसार अचानकमार टाइगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र सुरही के महामाई बीट के 447आरएफ में जानबूझकर सामूहिक अतिक्रमण का प्रयास कुछ लोगों लगातार किया जा रहा है. वन विभाग इस पर रोक लगाने लगातार गांव में बैठक लेकर अतिक्रमण नहीं करने की समझाइस दे रही है और जेएफएमसी सदस्यों के साथ अतिक्रमण रोकथाम करने निरंतर प्रयास किया जा रहा है. आज एसडीएम जीएल यादव, एसडीओपी माधुरी धिरही और सहायक संचालक(कोर) संजय लूथर के नेतृत्व में ग्राम महामाई के ग्रामीणों के साथ बैठक की गई. बैठक में ग्रामीणों को अतिक्रमण नहीं करने, वनों और वन्यप्राणियों की सुरक्षा करने और आपस में मिलकर सहयोग से समस्याओं को सुलझाने की अपील की गई. किसी भी प्रकार के अवैध कार्यों की सूचना उपलब्ध कराने और उनकी रोकथाम में सहयोग देने का आग्रह किया गया.

बैठक में सर्वसम्मति से ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि 447 आरएफ में जारी सभी वन अधिकार पट्टों का निष्पक्ष जांच किया जाएगा. इसके लिए अतिक्रमण में लिप्त लोगों की सूची ग्रामीणों द्वारा दी जाएगी. साथ ही जिन भी वन अधिकार पट्टों में कक्ष क्रमांक को लेकर विवाद है ,उनका नियमानुसार जांच करने के बाद ही आरोपित भूमि में कृषि कार्य किया जाएगा, तब तक के लिए यथा स्थिति बनाए रखने और आरोपित भूमि में किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं करने का निर्णय लिया गया.

बैठक का आयोजन मुख्य वन संरक्षक(वन्यप्राणी) मनोज पांडे, जिला कलेक्टर राहुल देव, पुलिस अधीक्षक गिरिजाशंकर जयसवाल एवम डिप्टी डायरेक्टर यू आर गणेश के मार्गदर्शन और निर्देशन में किया गया. इस दौरान सहायक संचालक (बफर) मानवेंद्र कुमार, परिक्षेत्र अधिकारी विक्रांत कुमार, विजय साहू , परिक्षेत्र सहायक दिलीप उपाध्याय एवं सुरही तथा लोरमी बफर के परिक्षेत्र सहायक, परिसर रक्षक, पैदल गार्ड सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे.

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