सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर। विशेष संरक्षित जनजाति की बच्चियों से अमानवीय व्यवहार एवं प्रताड़ना के मामले में सनवाल स्थित प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास की हॉस्टल अधीक्षिका पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है. कलेक्टर रिमिजियूस एक्का ने अधीक्षिका नीलिमा खलखो को मूल पद पर वापस भेज दिया है. उक्त खबर को लल्लूराम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसे भी पढ़ें : अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मी आंदोलन की राह पर, 22 और 23 जुलाई को करेंगे हड़ताल…

बता दें कि कृषि एवं ट्राइबल मंत्री रामविचार के गृह ग्राम सानवाल प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास में रहने वाली पंडो जनजाति की बालिकाओं ने छात्रावास अधीक्षिका नीलम एक्का पर गंभीर आरोप लगाया था. छात्राओं ने दैनिक उपयोग की वस्तुएं नहीं देने के साथ टॉयलेट की सफाई भी कराए जाने की बात कही थी. इस मामले में कलेक्टर ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया था.

घटना की जांच के लिए जिला प्रशासन ने टीम का गठन किया था, लेकिन पंडों समाज ने जांच दल निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए संभागीय कमिश्नर को पत्र लिखा था. पत्र में बताया गया था कि 32 छात्राओं ने शिकायत की थी, जबकि जांच टीम ने केवल 10 छात्राओं का ही कथन लिया. प्रताड़ना से तंग आकर पढ़ाई छोड़ने वाली छात्रा का भी बयान दर्ज नहीं किया गया. जांच में लीपापोती के आरोप के बाद अब जिला प्रशासन ने छात्रावास अधीक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की है.