नई दिल्ली। बांग्लादेश सरकार ने राष्ट्रीय कर्फ्यू घोषित किया है और छात्र विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए सेना को तैनात करने की योजना की घोषणा की है, जिसमें अब तक 105 लोग मारे जा चुके हैं. देश में मौजूद 8,500 भारतीय छात्रों में से अब तक 978 को निकाला जा चुका है. इसे भी पढ़ें : KFC, Pizza Hutt और Momos Adda पर खाद्य विभाग का छापा: एक ही फ्रीजर में मिले वेज और नॉनवेज…

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की है. इसके साथ व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दिया है. सरकार ने परिसरों को बंद करने और विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए राजधानी भर में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है. इधर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि वर्तमान में वहां 8,500 छात्रों सहित लगभग 15,000 भारतीय रह रहे हैं और वे सभी सुरक्षित हैं.

दरअसल, आंदोलनकारी बांग्लादेश में कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ देश की आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले दिग्गजों के परिजनों को 30% आरक्षण दिया गया था. उनका मानना ​​है कि कोटा प्रणाली भेदभावपूर्ण है और हसीना के समर्थकों को लाभ पहुंचाती है, जिनकी अवामी लीग पार्टी ने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था. वे इसके बजाय योग्यता आधारित प्रणाली चाहते हैं.