रायपुर। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने प्रदेश के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की मांगों को लेकर 22 जुलाई से शुरू होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित कर दिया है. यह निर्णय शासन द्वारा की जा रही पहलों को समय देने के उद्देश्य से लिया गया है.

बता दें कि संघ की प्रमुख मांगों में राजस्व न्यायालय, भुइयाँ और ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के कार्यों के लिए पर्याप्त संसाधन, राजस्व न्यायालय में सुरक्षा, तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर 50:50 अनुपात में पदोन्नति, नायब तहसीलदारों को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा, जजेस प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना, प्रोटोकॉल कार्य हेतु उचित व्यवस्था, तहसीलदारों के लिए वाहन व्यवस्था, और ऑनलाइन कार्यों के लिए आवश्यक संसाधन शामिल हैं.

संघ की कार्यकारिणी और सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग अविनाश चंपावत के बीच बैठक में इन सभी मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई. सचिव चंपावत ने इन मांगों पर हो रही कार्यवाही की जानकारी दी और आश्वासन दिया. संघ के प्रांताध्यक्ष नीलमणि दुबे ने बताया कि तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर प्रमोशन में 50% पद आरक्षित रखने की मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. नायब तहसीलदारों को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने की फाइल सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी जा रही है.

छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 में त्रुटि सुधार के मामलों में तहसीलदारों को पुनः अधिकार दिए जाने पर संघ ने शासन के किसान हित के निर्णय का सम्मान करते हुए हड़ताल को स्थगित कर दिया है. संघ की कार्यकारिणी आगामी बैठकों में आगे की रणनीति पर विचार करेगी.

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