जापानी बाजार में Maruti Suzuki Alto फिलहाल 9th जनरेशन में है. इसका प्रोडक्शन 1979 में शुरू हुआ था. तब से Suzuki Alto ने अपने कर्ब वेट में कई बदलाव देखे हैं. 10वीं पीढ़ी की ऑल्टो के लिए सुजुकी ने इसका करीब 100 किलोग्राम वजन कम करने का टारगेट रखा है.

मौजूदा पीढ़ी की जापानी-स्पेक कार, जो कि केई (Kei) आकार की है, का वजन 680 किलोग्राम है. 100 किलोग्राम वजन कम होने पर इसका वजन 578 किलोग्राम हो जाएगा, जो इसे 1970 के दशक की शुरुआत में आई मूल सुज़ुलाइट के बहुत करीब ले जाएगा. वास्तव में, यह वजन इसे SS80 मारुति 800 से भी हल्का बना देगा जो 1983 में इंडो-जापानी ऑटोमेकर ने अपनी शुरूआती दौर में भारत में लॉन्च किया था.

वजन कम क्यों कर रही मारुति

मारुति सुजुकी अपनी अल्टो कार के वजह को कम करने के पीछे कारण इसके छोटे और अधिक कुशल मॉडल में पेश करना है. जिसकी झलक नई स्विफ्ट में Z12 इंजन के रूप में देख सकते हैं. वहीं, हल्के वजन के साथ ऑल्टो ग्राहकों को बेहतर माइलेज मिल सकता है. वहीं, 100 किलोग्राम कम होने के साथ 10वीं पीढ़ी की ऑल्टो लगभग 30 किमी/लीटर का माइलेज दे सकेंगी और CNG वैरिएंट का माइलेज 37-38 किमी/किलोग्राम तक पहुंच सकेगा.

कैसा होगा सेफ्टी फीचर

ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में ऑल्टो का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है. 2023 में टेस्ट की गई मारुति ऑल्टो K10 को 2-स्टार एडल्ट सेफ्टी रेटिंग और 0-स्टार चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग मिली थी. वहीं, अब उम्मीद लगाइ जा रही है कि 10वीं पीढ़ी की ऑल्टो NCAP क्रैश टेस्ट में बेहतर नतीजे दे पाएगी.