गाजियाबाद. कई बार बदनामी के डर से रेप पीड़िता और उसके घरवाले खुलकर सामने नहीं आ पाते हैं. ऐसे में गवाही और सबूत के अभाव से अपराधी बच निकलता है. मासूम बच्ची से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट में मां-बाप अपने बयान से पलट गए, लेकिन मासूम पीड़िता के बयान पर अदालत ने दरिंदे को 20 साल की कठोर सजा सुनाई है.

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में साल 2022 में दो साल की बच्ची के साथ हुई हैवानियत के मामले में पीड़िता के माता-पिता कोर्ट में अपने बयान से पलट गए. पीड़िता के मां-बाप ने अपनी बच्ची के साथ रेप की बात से इंकार कर दिया. मगर इससे पहले अब 4 साल की हो चुकी बच्ची के बयान फाइल पर आलरेडी दर्ज थे.

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20 साल की कठोर सजा

बयान में मासूम बच्ची ने कहा था कि अंकल ने उसके साथ बहुत बुरा काम किया था. कोर्ट ने पीड़िता के बयान को ही काफी माना और मकान मालिक ज्ञानेंद्र को 20 साल की कठोर सजा सुनाई. साथ ही 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

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