उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मार्गों दुकानों पर ‘नेम प्लेट’ लगाने के फैसले पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) सरकार के फैसले का स्वागत किया. जिसके बाद पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने X पर पोस्ट करते हुए निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह संविधान विरोधी फैसला है, RSS का समर्थन करना दुर्भाग्यपूर्ण है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ”भा.ज.पा शासित कुछ राज्यों में कांवरियों को खुश करने की विना पर प्रत्येक दुकानदारों को नेम प्लेट लगाने के आदेश का RSS द्वारा स्वागत करना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है जबकि यह निर्णय न केवल संविधान विरोधी है अपितु सांप्रदायिक सौहार्द को नफरत की आग में झोंकने तथा समाज व देश को बांटने वाला भी है.”

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इधर सुप्रीम कोर्ट ने आज इस फैसले को लेकर एक याचिका पर सुनवाई की. जिसके बाद कोर्ट ने इस पर रोक दिया. कोर्ट के फैसले पर स्वामी प्रसाद ने कहा, ”मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने भा.ज.पा. शासित कुछ राज्यों द्वारा नेम प्लेट लगाये जाने के आदेश को रोक लगाकर संविधान व सांप्रदायिक सौहार्द की रक्षा की. मा0 सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय का मैं स्वागत करता हूं. मैं तो पहले से ही कह रहा था कि भा.ज.पा सरकार का यह निर्णय असंवैधानिक है.”

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गौरतलब है कि योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा रूट वाली दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया है. इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. नेम प्लेट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. अदालत ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है. फिलहाल आदेश पर रोक लगा दी है. अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी. कोर्ट ने कहा, दुकानदार खाने का प्रकार लिखें. अपना नाम लिखना जरूरी नहीं.

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