हरिओम श्रीवास, मस्तूरी. सीपत एनटीपीसी का टावर बीती रात दर्राभांठा से दवनडीह पहुंच मार्ग पर अचानक गिर गया. टावर गिरने के बाद करीब दो घंटे तक 180 केवी हाईवोल्टेज तार में करंट दौड़ती रही. राहत की बात है कि रात में घटना होने से बड़ा हादसा होने से टल गया.
दरअसल दर्राभांठा से दवनडीह पहुंच मार्ग के बीच एनटीपीसी अपने संयंत्र का वेस्टेज पानी के बहाव के लिए टावर के बगल से ही नाली निर्माण कार्य कराया जा रहा था. उसका पूरा मलबा टॉवर के समीप ही डंप किया जा रहा है. जिससे टावर में बड़ी पत्थर की बोल्डर के आ जाने से टावर की पिलर कमजोर हो गई और टावर गिर गया. इसकी 180 केवी वोल्ट की हाईटेंशन तार सड़क पर झूलने लगी. टावर गिरने से गांव में जोरदार धमाके की आवाज आई. टॉवर संयंत्र ग्राम दर्राभांठा व दवनडीह से होकर गुजरी है. इस दौरान कई घरों के बिजली, टीवी, पंखे व बोर सहित अन्य घरेलू उपकरण उड़ गए.
लोगों में अफरा-तफरी मच गई. गांव वाले घबरा गए. ग्रामीणों के अनुसार यह घटना रात में हुई तो बड़ा हादसा टल गया. यदि दिन में घटी होती तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था. इस मार्ग से दिनभर ग्रामीणों का आना जाना लगा रहता है. ग्रामीणों ने घटना की जानकारी एनटीपीसी के अधिकरियों को दी तो वे घंटों देरी से पहुंचे.
इस दौरान तार व टॉवर में करीब 2 घंटे तक हाईटेंशन वोल्टेज का करंट दौड़ता रहा. प्रबंधन ने वहां रात में सुरक्षा व देखरेख के लिए केवल 3 जवानों को नियुक्त किया. 3 जवानों के भरोसे 180 केवी हाईवोल्टेज की तार लटकी हुई थी. इतना ही नहीं एनटीपीसी के पीआरओ साहू का कहना हैं कि यह टॉवर एनटीपीसी का नही हैं. अगर हमारे यहां का होता तो तुरंत प्लांट बंद करना पड़ता. दूसरी ओर सीएसआर विभाग के एक अधिकारी पीके बोखड़ ने बताया कि टॉवर हमारे एनटीपीसी का हैं और कही कुछ घटनाएं तो नहीं घटी.