चंडीगढ़ : पंजाब में अगर कोई नाबालिग बाइक, कार या अन्य वाहन चलाते हुए पकड़ा गया, तो उसके माता-पिता को 3 साल की जेल और 25 हजार रुपये का जुर्माना होगा. अगर नाबालिग किसी अन्य व्यक्ति से वाहन मांगकर चला रहा है, तो संबंधित वाहन मालिक पर भी यही कार्रवाई की जाएगी.

मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई करने से पहले पंजाब पुलिस ने लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया है. इस कारण, प्रदेश के सभी पुलिस कमिश्नरों और एसएसपी को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलों में जाकर बच्चों को इस विषय में जागरूक करें, ताकि इस प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाई जा सके और सड़क हादसों को रोका जा सके. ट्रैफिक एजुकेशन सेल और ट्रैफिक स्टाफ के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. 1 अगस्त से सभी जिलों से जागरूकता अभियान की रिपोर्ट मांगी जाएगी.

नाबालिग

एडीजीपी के आदेश के अनुसार, 31 जुलाई के बाद अगर कोई 18 साल से कम उम्र का व्यक्ति दोपहिया या कार चलाते हुए पाया गया, तो उसके माता-पिता या वाहन मालिक पर कार्रवाई की जाएगी. आदेश के मुताबिक, वाहन मालिकों को भी सूचित किया जाएगा कि वे 18 साल से कम उम्र के किसी बच्चे को अपनी गाड़ी न दें. अगर पुलिस ने वाहन को पकड़ा, तो वाहन के रजिस्ट्रेशन के आधार पर मालिक पर कार्रवाई होगी.

पंजाब में सड़क हादसे रोकने के लिए कनाडा की तर्ज पर सड़क सुरक्षा फोर्स (एसएसएफ) का गठन किया गया है. यह देश में अपनी तरह की पहली फोर्स है, जिसकी तैनाती सिर्फ हाईवेज पर की गई है. यह फोर्स गाड़ी में दिक्कत, एक्सीडेंट या अन्य आपात स्थिति में लोगों की मदद करती है. इस फोर्स में 5 हजार पुलिसकर्मी और 130 आधुनिक वाहन शामिल हैं.