अमित पाण्डेय, खैरागढ़। जिले की बदहाल शिक्षा व्यवस्था की पोल एक बार फिर खुल गई है. पिछले साल मई 2023 में खैरागढ़ शहर के स्वामी आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य पर सरकारी पाठ्य पुस्तक को कबाड़ी को बेचने का आरोप लगा था. मामले की जांच और उसके बाद की कार्रवाई का तो पता नहीं चल पाया है, लेकिन अब फिर जिले में वैसा ही खेल ठाकुरटोला स्थित हाई स्कूल में देखने को मिला है. इसे भी पढ़ें : CG MORNING NEWS : 10वीं और 12वीं की दूसरी मुख्य परीक्षा आज से, विधानसभा घेराव को लेकर कांग्रेस की बैठक, अगले 24 घंटे में फिर होगी अच्छी बारिश…, राजधानी में आज…
पूरा मामला जिले के छुईंखदान विकासखंड के ग्राम ठाकुरटोला का है, जहां शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य बलदाऊ जंघेल पर 5 क्विंटल 51 किलोग्राम शासकीय पाठ्य पुस्तक और छात्र-छात्राओं की अन्य प्रायोगिक फ़ाइलें कबाड़ी को बेचने का आरोप लगा है. मामले की शिकायत विद्यालय के पुस्तक प्रभारी मनोहर चंदेल ने खैरागढ़ जिला शिक्षा अधिकारी से की है. जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी लालजी द्विवेदी ने गंडई के प्राचार्य को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच करने के निर्देश दिए हैं.
पिछले साल भी बच्चों की सरकारी पुस्तक कबाड़ी में बेचने का बड़ा मामला सामने आया था, जिसकी जांच आज दिनांक तक विभाग नहीं कर पाया है, ऐसे में फिर से जिले में सरकारी स्कूल की पुस्तकों को कबाड़ी में बेचने का मामला सामने आया है, जो शिक्षा विभाग की लापरवाह कार्यशैली पर कई सवाल खड़े करता है.
फिलहाल, जांच का हवाला देकर जिम्मेदार मीडिया से बचते नज़र आ रहे हैं. लेकिन सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर इन किताबों को छपवाया जाता है, और निःशुल्क वितरण किया जाता है. मंशा रहती है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे किताबों के अभाव में पढ़ाई से वंचित ना रह जाए, ऐसे में थोड़े से पैसों के लालच में आकर बच्चों की किताबें रद्दी के भाव बेचना बहुत ही शर्मनाक कृत्य है, जिस पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.
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