दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्य प्रदेश के डिंडोरी में मजदूरी करने वाली महिला अपने बच्चे को लेकर डिंडोरी कलेक्टर के पास जनसुनवाई में पहुंची। जहां उसने बताया कि उसके दो बेटों को एक अनजान बीमारी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। जिसके कारण वह चलने फिरने में असमर्थ है। ऐसे में महिला ने कलेक्टर से मांग की है कि दोनों बेटों को दिव्यांग पेंशन और व्हीलचेयर दिया जाए।

दरअसल, आदिवासी जिला डिंडोरी के बजाग क्षेत्र की रहने वाली नंदिनी पनिका के बड़े बेटे मनीष पनिका को अनजान बीमारी ने घेर रखा है। नंदिनी ने बताया कि, उसने सरकारी अस्पताल में इलाज करवाया है जहां डाक्टर ने कहा की वो ठीक हो जाएगा। लेकिन बेटा ठीक होने के बजाय और भी ज्यादा लाचार और बेबस हो रहा है।

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कलेक्टर से की ये मांग

ऐसे में मजदूरी करने वाली नंदिनी अपने तीनों बच्चों को लेकर मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में डिंडोरी कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां कलेक्टर विकास मिश्रा ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तुरंत एंबुलेंस बुलाकर जिला चिकित्सालय रवाना कराया है। नंदिनी ने कलेक्टर से यह भी मांग की है की दोनों बेटों को दिव्यांग पेंशन और व्हीलचेयर दिया जाए।

मनीष वर्तमान में 14 वर्ष का होने वाला है। जिसके तीन साल पहले से दोनों पैर और एक हाथ दर्द के साथ धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिए। यही स्थिति अब सुमित के साथ होने लगी है। सुमित को भी चलने में परेशानी होना शुरू हो गई है। ऐसे में नंदिनी को डर है की कही उसके दोनों बेटों की हालात बिगड़ न जाए। जिसके चलते आर्थिक रूप से कमजोर नंदिनी काफी चिंतित रहती है।

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मनीष और सुमित जो फिलहाल काफी छोटे है और स्कूल में पढ़ाई करते है। लेकिन अनजान बीमारी से दिनों दिन परेशान हो रहे है। वही दोनों बच्चो के इलाज में नंदिनी और उसके पति जो जिले से बाहर कमाने गए हुए है काफी खर्च कर चुके है। लेकिन नतीजा बेअसर है। ऐसे में जिला प्रशासन और सरकार से ही उसे उम्मीद है की उनके दोनों बेटों का जीवन इलाज करवाकर सुरक्षित करें।

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