हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार ने नीमच, सिवनी और मंदसौर के मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को पूरा करने के लिए अन्य कॉलेजों से शिक्षकों को ‘संलग्न’ करने का आदेश जारी किया है। इस पर प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (PMTA) ने कड़ा विरोध जताया है। सरकार ने फैकल्टी की कमी और नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) के निरीक्षण को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को इन कॉलेजों में भेजने का फैसला किया है। इसके लिए गांवों में कार्यरत बॉन्डेड क्षेत्रों और विभिन्न स्वशासी मेडिकल कॉलेजों से शिक्षकों को अस्थायी रूप से इन कॉलेजों में नियुक्त किया जाएगा।

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PMTA की आपत्तियां

संलग्न प्रक्रिया
PMTA का कहना है कि इससे पुराने मेडिकल कॉलेजों के छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा और नए कॉलेजों के छात्रों को भी पूरी शिक्षा नहीं मिल पाएगी। इससे पुराने कॉलेजों की मान्यता भी खतरे में आ सकती है।

कॉमन पुल भर्ती
सरकार खाली पदों को एक साथ भरने की योजना बना रही है, जिसे PMTA ने गलत बताया है। उनका मानना है कि यह प्रक्रिया शिक्षकों के साथ धोखा है।

प्रदर्शन की चेतावनी

PMTA ने कहा है कि अगर इस निर्णय में सुधार नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इसी को लेकर आज पूरे प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। PMTA ने सरकार से इस आदेश को तुरंत वापस लेने और शिक्षकों के हित में उचित कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना किया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।

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