कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग के प्राइवेट कॉलेजों में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। एक ओर छात्र संगठन कॉलेजों के फर्जीवाड़े को उजागर कर शिकायत कर रहे है, तो दूसरी ओर शिकायतों की जांच के बाद एसटीएफ कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रही है। ऐसे में अब अशासकीय महाविद्यालय संघ के बैनर तले प्राइवेट कॉलेजों ने भी मोर्चा खोल दिया है।

छात्र संगठन कर रहे दोषियों पर कार्रवाई की मांग

दरअसल इन दिनों अंचल की जीवाजी यूनिवर्सिटी में कॉलेजों की सम्बद्धता फर्जीवाड़ा खूब चर्चाओं में है। छात्र संगठन दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है, तो वही यूनिवर्सिटी प्रबंधन मौन साधे हुए है। छात्र संगठनों की शिकायतों पर कॉलेजों के फर्जीवाड़ों को उजागर होने पर 6 कॉलेजों पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिसके बाद अब अंचल के सभी प्राइवेट कॉलेज एक साथ आ गए है।

घटे 50 फीसदी एडमिश्न

वह अशासकीय महाविद्यालय संघ के बैनर तले जीवाजी यूनिवर्सिटी को कटघरे में खड़ा कर रहे है। साथ ही छात्र संगठनों, आरटीआई कार्यकर्ताओं पर जबरन परेशान करने और दबाब बनाने का आरोप भी लगा रहै है। उनका यह भी कहना है कि इस बदनामी के असर के चलते सही कॉलेज संचालक भी प्रभावित हो रहे है। जिससे उनके 50 फीसदी एडमिश्न घट गए है। महाविद्यालय संघ ने नई शिक्षा नीति का हवाला देते हुए यह भी बताया है कि नई शिक्षा नीति के तहत नए नियम आ गया है।

मिला कई कोर्सेस संचालित करने का हक

अब शिक्षण सनास्थान को मल्टी डिसिप्लेनरी यानी एक संस्थान में कई कोर्सेस संचालित करने का हक दिया गया है। ऐसे में फिर जबरन आरोप क्यों लगाए जा रहे है। वहीं एनएसयूआई कह रही है, जो कॉलेज संचालक विश्वविधालय ओर छात्र संगठनों पर सवाल खड़े कर रहे है, वे खुद फर्जीवाड़े के दलदल में फंसे हुए है। ऐसे में उनके खिलाफ मोर्चाबंदी करते हुए कार्रवाई होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है।

बतादें कि, ग्वालियर चंबल अंचल में सबसे ज्यादा सम्बद्धता फर्जीवाड़े का आरोप बीएड, डीएड कॉलेजों को लेकर है। ऐसे में अंचल में कहां कितने बीएड कालेज है, ये पढ़िए

  • ग्वालियर में 84
  • मुरैना में 26
  • भिंड में 34
  • दतिया में 11
  • श्योपुर में 13

जो फर्जीवाड़ा करेगा, उसे बख्शा नही जाएंगा

ग्वालियर-चंबल संभाग में जब प्राइवेट कॉलेजों के खिलाफ शिकायतों के जखीरे के साथ STF का शिकंजा कस रहा है, ऐसे माहौल के बाद अब उन्होंने यूनिवर्सिटी पर ही सवाल उठा दिए है। उनका कहना है कि, कुछ कॉलेज गड़बड़ कर रहे है, लेकिन उसकी सजा पूरे कॉलेजों को मिल रही है। जबकि कॉलेजों को मान्यता देने में गड़बड़ी विश्वविधालय स्तर पर हो रही है। जब कॉलेज धरातल पर नहीं है, तो विश्वविधालय कैसे मान्यता दे रहा है। वहीं यूनिवर्सिटी के कुलसचिव का कहना है, जो भी कॉलेज फर्जीवाड़ा करेगा, बख्शा नही जाएंगा।

कुल मिलाकर देखा जाएं, तो आज भी नियम और कमियों को दरकिनार करके ग्वालियर की जीवाजी विश्वविद्यालय से कई बीएड महाविद्यालयों को सम्बद्धता दे दी गई है। लेकिन एसटीएफ की कार्रवाई के बाद ग्वालियर चंबल के प्राइवेट कॉलेजों में 50 फीसदी एडमिश्न B.ed , M.ed, बीपीएड, एमपीएड, बीएड-एमएड, बीए बीएड, बीएससी बीएड, बीएलएड में घट गए है। ऐसे में अब ये कॉलेज अपनी सफाई देने के लिए यूनिवर्सिटी से लेकर जांच एंजेसी और छात्र संगठनों पर सवाल उठा रहे है। लिहाजा देखना होगा कि अंचल में शिक्षा माफियाओं पर नकेल कैसे कसती है,साथ ही यह गौर करना होगा कि नई शिक्षा नीति की आड़ में कहि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो जाए।

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