Intraday Trading Losses: इक्विटी कैश सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले 70% से ज़्यादा इंडिविजुअल ट्रेडर्स घाटे में हैं। यह जानकारी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी के एक अध्ययन में सामने आई है। मार्केट रेगुलेटर ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान निवेशकों पर यह अध्ययन किया।
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019 के मुक़ाबले वित्त वर्ष 2023 में इक्विटी कैश सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले रिटेल निवेशकों की संख्या में 300% से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है। अध्ययन में अकादमिक जगत के लोगों, ब्रोकर्स और मार्केट एक्सपर्ट्स को शामिल किया गया।
2019 में 15 लाख इंट्राडे ट्रेडर्स थे, 2023 में यह 69 लाख हो गए
हर 3 में से 1 रिटेल ट्रेडर इंट्राडे करता है। 2019 में यह संख्या 15 लाख थी, 2023 में 69 लाख। 2019 में 18% से बढ़कर 2023 में युवा व्यापारियों (30 वर्ष से कम आयु) की संख्या 48% हो गई।
जो व्यापारी अधिक बार व्यापार करते हैं (एक वर्ष में 500+) उन्हें अपने 80% ट्रेड में नुकसान उठाना पड़ा। अन्य आयु समूहों की तुलना में युवा व्यापारियों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा। उनकी संख्या 76% थी।
घाटे में रहने वाले व्यापारियों ने लाभ में रहने वाले व्यापारियों की तुलना में अधिक ट्रेड किए। घाटे में रहने वाले व्यापारियों को अपने नुकसान का 57% अतिरिक्त व्यापार लागत के रूप में उठाना पड़ा।
लाभ में रहने वाले व्यापारियों को व्यापार लागत के रूप में व्यापार लाभ का केवल 19% ही उठाना पड़ा। सेबी को उम्मीद है कि इस अध्ययन से व्यापारियों के बीच जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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