शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस को लेकर सरकार की चिंता बढ़ती नजर आ रही है। प्रदेश के प्रोफेसरों ने भर्ती से दूरी बना ली है। नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं कर रहे है। एमपी में एक हजार पदों पर नियुक्ति होनी है। 13 दिन में सिर्फ 40 आवेदन भी नहीं आए है। जिसके चलते चयन प्रक्रिया बाधित होते दिखाई दे रही है।

दरअसल, मध्‍य प्रदेश में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्‍सीलेंस में सहायक प्राध्यापकों के अकादमिक लेवल-10 के एक हजार से अधिक पद स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। इन पदों पर साक्षात्कार के बाद नियुक्ति की जाएगी। कड़े नियमों के कारण प्राध्यापकों की इन कालेजों में पढ़ाने की रुचि कम है, इस कारण आवेदन भी कम आ रहे हैं।

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भर्ती प्रक्रिया के अनुसार, 2019 के नियमित सहायक प्राध्यापक इसके लिए आवेदन ही नहीं कर पाए हैं। इसका कारण उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पांच वर्ष का अनुभव अनिवार्य करना है। प्राध्यापकों का कहना है कि अकादमिक लेवल-10 के पदों को लेवल 11, 12 या 13 से भरा जाता है, तो भविष्य में वेतन आहरण नहीं हो पाएगा। यह प्रक्रिया स्वयं में ही उलझी है।

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