रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन गर्भवती महिलाओं को गर्म खाना मिलना बंद होने का उठा मुद्दा. मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने बताया कि योजना बंद नहीं हुई. जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने बहिर्गमन किया. इसे भी पढ़ें : भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात झा के निधन पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जताया शोक, कहा- भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति…

पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया ने गर्भवती महिला को मिलने वाला गर्म भोजन बंद करने का सदन में मामला उठाया. इस पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि योजना बंद नहीं हुई है. डीएमएफ, सीएसआर फंड से गर्म भोजन दिया जा रहा है.

इस पर अनिला भेड़िया ने कहा कि कांग्रेस काल में 126 करोड़ का बजट दिया गया था, आज 25 करोड़ का बजट है. फिर से गर्भवती, किशोरी को गर्म भोजन दिया जाए, नहीं तो कुपोषण स्तर बढ़ेगा. मंत्री ने बताया कि 6 महीने में कुपोषण में 12 फीसदी कमी आई है.

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि 0 से 3 साल के बच्चों को सुपोषण नहीं दे पा रहे हैं, तो किस बात का सुशासन. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मंत्री का जवाब असंतुष्ट करने वाला है. इसलिए हम सदन की कार्यवाही से वॉकआउट करते हैं.

नक्सलियों को चावल देने बदले दुकान?

प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने 16 भवन विहीन दुकानों के संबंध में सवाल किया. उन्होंने कहा कि सवाल लगने के बाद दुकानों को अलग जगह बदला गया है. कई दुकानों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है. आमापल्ली, जगरगुंडा के दुकानों को बदल दिया गया है.

इसके साथ कवासी लखमा ने सवाल उठाया कि क्या नक्सलियों को चावल देने के लिए दुकान बदले गए हैं. इस पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि दुकान बदलने के संबंध में जानकारी देंगे तो परीक्षण कराएंगे. इस पर कवासी लखमा ने कहा कि अगर कार्रवाई करेंगे तो जानकारी देंगे.