विक्रम मिश्रा, लखनऊ। यूपी गजब तो है ही लेकिन इन दिनों अजब खुलासों से यहां पर योगी सरकार की रफ्तार हांफती नज़र आने लगी है। हालांकि जिस बलिया कांड को लेकर पुलिस ने पुलिस वालों पर कार्रवाई किया है वो कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कार्रवाई हुई है। 2019 में जनेश्वर मिश्र सेतु पर अवैध वसूली के मामले में तत्कालीन राज्यमंत्री आनंद स्वरुप शुक्ल ने छापेमारी की थी। इस मामले में दुबहर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष समर बहादुर सिंह के साथ ही दो आरक्षी मुलायम यादव और राजू भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया था। दस आरक्षियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था।
नरही थाना जनपद में मलाईदार पोस्टिंग और अवैध धन उगाही के लिए मुफीद माना जाता है। यहां पर पोस्टिंग के लिए बहुत से समीकरणों को साधकर जगह बनाई जाती है। जिसमें धनबल और पैर पूजन सबकुछ चलता है। लेकिन एक बार स्थान मिल जाने के बाद सबकी पौ बारह हो जाती है। बलिया का नरही थाना कांड को लेकर हालांकि मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई कर अपना रुख तो स्पष्ट कर दिया है, लेकिन क्या इतनी कार्रवाई से वर्दी पर लगे दाग साफ हो पाएंगे ? बलिया में रोजाना ट्रकों से लाखों की अवैध कमाई के मामले में सीएम ने बड़ी कार्रवाई किया है। सीओ, एसओ सहित 18 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं। सात पुलिसकर्मियों समेत 23 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। साथ ही एसपी और एएसपी का स्थानांतरण कर दिया गया है।
एसपी-एएसपी पर गिरी गाज
उत्तर प्रदेश के बलिया में यूपी-बिहार बॉर्डर पर नरही थाना इलाके स्थित भरौली पिकेट और कोरंटाडीह चौकी पर ट्रकों से अवैध वसूली को लेकर दो पुलिसवालों की गिरफ्तारी के बाद बलिया के पुलिस अधीक्षक और एएसपी पर भी गाज गिर गई है। एसपी और एएसपी को पद से हटाया है और उनकी जगह नई तैनाती भी कर दी गई है। विक्रांत वीर को बलिया का नया कप्तान बनाकर भेजा गया है। मुख्यमंत्री की कार्रवाई में सीओ निलंबित और एसओ समेत 18 पुलिसकर्मी भी सस्पेंड किए गए हैं। सात पुलिसकर्मियों समेत 23 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
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7 पुलिसकर्मी सहित दलालों पर FIR
आपको बता दे कि, पुलिसिया मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर बुधवार को एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण के नेतृत्व में आजमगढ़ पुलिस ने छापा मारा था। दोनों स्थानों पर ट्रकों से अवैध वसूली में दो पुलिसकर्मियों और 16 दलालों को गिरफ्तार किया गया था। सात पुलिसकर्मियों के साथ ही दलालों पर एफआईआर दर्ज की गई है। दबिश के दौरान लगभग 25 मोबाइल, 14 बाइक और 37500 रुपये भी बरामद किए गए हैं।
रात में की छापेमारी
दरअसल, पुलिस की ओर से यूपी-बिहार बार्डर पर ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। पुलिस के मुताबिक बक्सर पुल के बन जाने से यहां पर ट्रकों की आवाजाही बढ़ गई थी जिससे पुलिस वाले वसूली करते थे। लेकिन मीडिया में खबर फैल जाने से इस कार्य को पुलिस वालों ने प्राइवेट लोगो के ज़रिए करवाना शुरू कर दिया था। जिसकी शिकायतें मिलने के चलते और इसका आधार बनाकर डीआईजी की ओर से एडीजी को सूचना दी गई और उनके साथ बुधवार रात सादे वेश में मौके पर छापेमारी की गई। भरौली पिकेट से दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया, तीन भागने में सफल हो गए। वहीं कोरंटाडीह चौकी पर भी अवैध वसूली मिलने पर दबिश दी गई। यहां से भी कुछ दलाल भागने में सफल रहे।
लंबे समय से मिल रही थी शिकायत
नरही थाने के कर्मियों पर भी टीम ने कार्रवाई की। एसओ का कमरे को सील कर दिया गया। सभी बैरकों और उसमें रखे एक-एक बक्से को खंगाला गया। घंटों पुलिस की कार्रवाई चलती रही। दोपहर बाद डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि काफी दिनों से पुलिस की ओर से यूपी-बिहार बार्डर पर ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायतें लगातार मिल रहीं थीं। इस बारे में एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया को जानकारी दी गई और कार्रवाई की गई।
इन पर दर्ज हुई FIR
डीआईजी ऑफिस में तैनात निरीक्षक सुशील कुमार की तहरीर पर थाना प्रभारी नरही, चौकी प्रभारी कोरंटाडीह और पांच अन्य पुलिसकर्मियों सहित 23 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिनपर एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें थाना प्रभारी नरही पन्नेलाल, चौकी प्रभारी कोरंटाडीह राजेश प्रभाकर, नरही के सिपाही हरिदयाल सिंह, विष्णु यादव, दीपक मिश्रा, बलराम सिंह, कोरंटाडीह के सिपाही सतीश गुप्ता, भरौली के रविशंकर यादव, कोटवा नरायनपुर के विवेक शर्मा, भरौली के जितेश चौधरी, अर्जुनपुर बिहार के विरेंद्र राय, कथरिया के सोनू सिंह, भरौली के अजय पांडेय, सारिमपुर बिहार के विरेंद्र सिंह यादव, भरौली के अरविंद यादव, रमाशंकर चौधरी, जवाहिर यादव, अमांव के धर्मेंद्र यादव, चंडेश बिहार के विकास राय, भरौली के हरेंद्र यादव, सलाम अंसारी, आनंद ठाकुर, राजापुर गाजीपुर के दिलीप यादव का नाम है।
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ये पुलिसकर्मी फरार
कुल 23 नामजद आरोपियों में 18 गिरफ्तार हो चुके हैं। पांच फरार है। इसमें थाना प्रभारी पन्नेलाल, चौकी प्रभारी राकेश प्रभाकर, सिपाही विष्णु यादव, दीपक मिश्रा और बलराम सिंह फरार है। विवेचना सहायक पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ को दी गई है।
ये हुए निलंबित
थाना नरही
- थानाध्यक्ष पन्नेलाल
- एसआई मंगला प्रसाद
- मुख्य आरक्षी विष्णु यादव
- सिपाही हरिदयाल सिंह
- सिपाही दीपक मिश्रा
- सिपाही बलराम सिंह
- सिपाही उदयवीर
- सिपाही प्रशान्त सिंह
- चालक ओम प्रकाश
चौकी कोरंटाडीह
- प्रभारी राकेश प्रभाकर
- मुख्य आरक्षी चन्द्रजीत यादव
- मुख्य आरक्षी औरंगजेब खां
- सिपाही परविन्द यादव
- सिपाही सतीश चन्द्र गुप्ता
- सिपाही पंकज कुमार यादव
- सिपाही ज्ञानचन्द्र
- सिपाही धर्मवीर पटेल
आवासों को किया गया सील
थाना प्रभारी नरही, चौकी प्रभारी कोरंटाडीह और संलिप्त सिपाहियों के आवासों को सील कर दिया गया है, ताकि बाद में इसकी जांच की जा सके।
रोजाना 10 से 15 लाख की वसूली, किस-किस की थी हिस्सेदारी?
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बिहार बार्डर से सटे थाने सबसे मलाईदार माने जाते हैं। इसमें नरहीं थाना पहले नंबर पर आता है। यहां के वर्तमान प्रभारी पन्नेलाल यहां लगभग दो साल से तैनात थे। लेकिन इस प्रकरण में सस्पेंड हो गए। पन्नेलाल के बारे में कहा जाता है उन्हें जल्दी कोई थाने से हिला नहीं पाता है। हमेशा किसी न किसी थाने पर तैनात रहते हैं। लाइन में उनको कम ही देखा गया है।
गाड़ियों के आंकड़ों पर निर्भर था एसओ साहब का पैसा!
बिहार के बक्सर के रास्ते से आने वाले ट्रकों से पहले से अनुपतनुसार बात तय कर ली जाती थी कि किस समय पर नरही थाने चेकपोस्ट से ट्रक गुजरेंगे। नरही में इन ट्रकों के प्रवेश करते ही प्रति ट्रक 500 रुपये वसूले जाते थे। बरामद दो नोट बुक में गत रात्रि और उससे पूर्व के कई दिन में पास कराए गए ट्रकों का विवरण अंकित है। जिसको की आधार बनाकर संगठित अपराध और वसूली गैंग का पर्दाफाश करने में पुलिस को सहायता मिल सकती है।
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