केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मौजूदा टोल सिस्टम को खत्म कर दिया है. इसके साथ ही सैटेलाइट टोल कलेक्शन सिस्टम लॉन्च करने की घोषणा की है. उन्होंने आज शुक्रवार (26 जुलाई) को कहा कि सरकार टोल खत्म कर रही है और जल्द ही सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली शुरू की जाएगी. इस सिस्टम को लागू करने के पीछे का उद्देश्य टोल कलेक्शन को बढ़ाना और टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ को कम करना है.

राज्यसभा में एक लिखित जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) लागू करने जा रहा है. ये अभी सिर्फ चुनिंदा टोल प्लाजा पर होगा. नितिन गडकरी ने कहा , “अब हम टोल खत्म कर रहे हैं और सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली होगी. आपके बैंक खाते से पैसे कटेंगे और आप जितनी दूरी तय करेंगे, उसके हिसाब से शुल्क लिया जाएगा. इससे समय और पैसे की बचत होगी. मुंबई से पुणे जाने में पहले 9 घंटे लगते थे, अब यह घटकर 2 घंटे रह गया है.”

नितिन गडकरी ने पिछले साल दी थी नए सिस्टम की जानकारी

इससे पहले दिसंबर में, नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का टारगेट मार्च 2024 तक इस नई प्रणाली को लागू करना है. टोल प्लाजा पर प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और वेटिंग टाइम को कम करने के प्रयासों के बारे में वर्ल्ड बैंक को सूचित किया गया है. FASTAG की शुरुआत के साथ, टोल प्लाजा पर औसत प्रतीक्षा समय में उल्लेखनीय कमी आई है. कर्नाटक में NH-275 के बेंगलुरु-मैसूर खंड और हरियाणा में NH-709 के पानीपत-हिसार खंड पर इसको आजमाया है.