चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का एलान किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब को विशेष राज्य का दर्जा देने से इन्कार कर दिया है, जिसके चलते ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 27 जुलाई को होने वाली बैठक से दूर रहने का फैसला लिया है. सीएम मान वीरवार को जालंधर में एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे.
मान ने कहा कि पंजाब को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए, लेकिन केंद्र ने प्रदेश के अधिकारों की अनदेखी की है. केंद्रीय बजट में पंजाब का एक बार भी नाम नहीं लिया गया. पंजाब को देश का अन्नदाता होने के बावजूद नजरअंदाज किया गया. देश के 80 करोड़ लोगों को राशन देने वाले राज्य के साथ इस तरह का रवैया गलत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में 532 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है और पंजाब हमेशा देश के हितों के लिए खड़ा रहा है. फिर भी केंद्र सरकार ने सड़कें जाम करके राज्य पर अतिरिक्त बोझ डालने का काम किया है. नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार का फैसला इंडी गठबंधन का है, जिसके चलते ही पंजाब ने भी इस बैठक का बहिष्कार करने का फैसला लिया.
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मान के पंजाब में अब तीन कार्यालय कार्य करेंगे. पहला तो चंडीगढ़ में है जबकि दूसरा संगरूर व तीसरा जालंधर में तैयार कर दिया गया है. सीएम मान ने कहा कि मेरा जालंधर का कार्यालय कोठी से चलेगा, जिसमें अधिकारियों व नेताओं की तैनाती कर दी गई है.
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