लक्षिका साहू, रायपुर। नगर निगम के वार्डों के नए परिसीमन पर बवाल जारी है. रायपुर नगर निगम के कांग्रेस पार्षदों ने इस विषय पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. इस संबंध में कांग्रेस पार्षद दल की बैठक में फैसला लिया गया. इसे भी पढ़ें : 33 करोड़ रुपए से ज्यादा की दवाएं कालातीत, 50 करोड़ के मेडिकल उपकरण अनुपयोगी, ⁠ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से खरीदी 24 करोड़ की दवाएं…, कैग ने किया स्वास्थ्य विभाग की गड़बड़ियों का बड़ा खुलासा…

रायपुर नगर निगम अध्यक्ष प्रमोद दुबे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि परिसीमन प्रायोजित है. किसी बंगले में बैठकर बनाया गया है. कांग्रेस के 36 पार्षदों के वार्डों को टारगेट कर परिसीमन किया गया है. कुछ नेताओं ने स्वार्थवश परिसीमन कराया है. परिसीमन तथ्यात्मक रूप से लोगों के गले नहीं उतर रहा है.

उन्होंने कहा कि तीन बार नगरीय निकाय में कांग्रेस का क़ब्ज़ा रहा है. तीन जगह में स्टे आ गया है. ये परिसीमन सरकार की कमी उजागर करती है. अभी राशन कार्ड नए बने, अब फिर एड्रेस चेंज करने सरकार नए राशन कार्ड बनाएगी. 2025 में नयी जनगणना की रिपोर्ट आएगी, तब क्या नया परिसीमन किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने दो महीने तक नगर निगम को कोई काम नहीं करने दिया

महापौर एजाज़ ढेबर ने कहा कि पूरे वार्डों को तितर-बितर कर दिया गया है. ऐसे वार्ड जिसे कांग्रेस पार्टी जीतते आई, उन्हें विलोपित कर दिया गया. राजनीति से प्रेरित होकर परिसीमन किया गया. जहां कांग्रेस के जीतने की संभावना है, उन वार्डों को तोड़ने का प्रायाम किया गया है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का भी अपमान किया गया है. हम परिसीमन का विरोध करते हैं.

दरसल कल रायपुर नगर निगम के नये परिसीमन के प्रकाशन से असंतुष्ट होकर आज रायपुर के नगर निगम मुख्यालय में महापौर एजाज़ ढेबर की अध्यक्षता में एमआईसी सदस्य और कांग्रेस पार्षद दल की बैठक हुई, जिसके बाद सभी ने पीसीसी चीफ दीपक बैज से भी मुलाक़ात की, जहां पीसीसी चीफ ने कोर्ट जाने को कहा है. सभापति प्रमोद दुबे ने नये परिसीमन से जनता को होने वाली समस्याओं पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा परिसमन होने के बाद वार्डों के नंबरों में बदलाव हुआ है , दो वार्डों को विलुप्त कर अन्य वार्डों में सम्मिलित कर दिया गया है, दो नए वार्ड बनाए गए है. हाल ही में सरकार बदलने पर राशन कार्डों का नवीनीकरण हुआ और अब नए परीसीमन के बाद जनता को अपने दस्तावेजों में पते से संबंधित बदलाव करने होंगे. केंद्र सरकार द्वारा आने वाले दो सालों में जनगणना कराया जाएगा जिसके बाद फिर परीसीमन कराया जाएगा जो जनता के लिए बड़ी समस्या है.

सभापति प्रमोद दुबे ने इस परिसीमन को अनावश्यक बताया है और ये भी आरोप लगाया है कि इस परिसीमन का भाजपा के 15 से अधिक पार्षदों ने आपत्ति जताई है. इस पर बीजेपी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है .बीजेपी के पार्षद मृत्युंजय दुबे ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि परिसीमन में कोई समस्या नज़र नहीं आई है , 2019 में भी परिसीमन कराया गया, कई वार्डों में बदलाव हुए. पार्षदों को इससे कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस के किसी पार्षदों को मुझसे मुलाक़ात कर परिसीमन को समझ लेना चाहिए.

बता दें कि परिसीमन से संबंधित दावा आपत्ति के लिए सात दिन का समय दिया गया है. आज बीजेपी पार्षद दल की भी बैठक हुई. 30 जुलाई मंगलवार को बीजेपी पार्षद दावा आपत्ती लेकर कलेक्टोरेट पहुंचेंगे. वहीं इसी बीच कांग्रेस पार्षद दल परिसीमन के राजनीतिकरण को लेकर कोर्ट का दरवाजा़ खटखटा सकती है.

आपको बता दें कल हाईकोर्ट ने परिसीमन पर लगी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 2011 के जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन से असहमती जताते हुए राजनांदगांव, बेमेतरा, तखतपुर और कुम्हारी के परिसीमन पर रोक लगा दिया है. ऐसे में यदि रायपुर नगर निगम के परिसीमन पर भी याचिका लगती है तो यहां भी परिसीमन पर रोक लगाया जा सकता है.