प्रतीक चौहान. रायपुर. तिल्दा रेलवे स्टेशन में कोयला चोरी के खुलासे के बाद RPF ने वहां ड्यूटी पर तैनात किए गए आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है. वहीं सूत्रों के मुताबिक उन्हें 153 के तहत चार्टशीट देने की चर्चा भी है. लेकिन सूत्रों ने लल्लूराम तक जो खबर पहुंचाई है वो बेहद गंभीर और चौंकाने वाली है.
खबर ये है कि तिल्दा रेलवे स्टेशन (Tilda Railway Station) में लगे CCTV कैमरे में ऐसे कई सबूत मौजूद है, जिसके साथ छेड़खानी किए जाने की तैयारी है. वो इसलिए क्योंकि यदि आरपीएफ के उच्च अधिकारियों तक वो सबूत पहुंच गए तो कई लोगों के लिए दिक्कतें बढ़ जाएगी.
कोयला चोरी के मामले में जोन से क्यों नहीं आई कोई टीम ?
अब सवाल ये है कि जब इस पूरे मामले में RPF IG ने कार्ऱवाई के निर्देश दिए थे तो जोन से कोई भी टीम घटना स्थल पर क्यों नहीं पहुंची ? हालांकि रायपुर रेल मंडल से लल्लूराम डॉट कॉम में खबर प्रकाशित होने के बाद अलगे दिन एएससी (ASC RPF) पहुंचे थे.
CCTV में मौजूद है कई सबूत
सूत्र बताते है कि सीसीटीवी कैमरे में तिल्दा रेलवे स्टेशन (Tilda Railway Station) की पूरी करतूत मौजद है. यही कारण है कि यहां से सबूत मिटाने की तैयारी है. सूत्रों का दावा है कि जिस वक्त लल्लूराम डॉट कॉम ने ये खबर प्रकाशित की उससे थोड़ी देर पहले के सीसीटीवी फुटेज भी काफी महत्वपूर्ण है, जिसमें कई जानकारी अधिकारियों को मिल सकती है और इस फुटेज से ये भी जानकारी मिलेगी कि तिल्दा रेलवे स्टेशन में ड्यूटी करने वाले तमाम स्टॉफ ड्यूटी रोस्टर के हिसाब से कहा-कहा मौजूद थे.
इतना ही नहीं RPF के अधिकारी यदि तिल्दा रेलवे स्टेशन में मौजूद 3 महीने के सीसीटीवी फुटेज को जब्त कर सबूत खंगालेंगे तो और कई चौंकाने वाले सबूत सामने आ सकते है.
क्या पहली बार इन महिलाओं ने चोरी किया था कोयला ?
आरपीएफ अब तक ये जांच नहीं कर पाई है कि क्या जिन लोगों पर आऱपीएफ ने कोयला चोरी का मामला दर्ज किया था उन्होंने पहली बार कोयला चोरी किया था ? जबकि लल्लूराम द्वारा बनाए गए चोरी के वीडियो में ये साफ नजर आ रहा है कि मौके पर पहले से कोयला मौजूद था. यानी यहां कोयला चोरी का खेल लंबे समय से चल रहा है.
सूत्र बताते है कि अपनी करतूत बचाने के लिए आरपीएफ के कुछ अधिकारियों ने ये भी योजना बना ली है कि उन्हें बचना कैसे है. सूत्रों का दावा है कि आरपीएफ के उच्च अधिकारी अपने बचाव में ये कह रहे है कि तिल्दा साइडिंग में मौजूद कंपनी के लोगों ने वैगन के कोयले का डस्ट साफ कराया था और वो डस्ट ही आरोपियों के घर के पास से मिला है.
लेकिन सवाल ये है कि वीडियो में दिखाई देने वाला बड़ा-बड़ा कोयला न तो डस्ट है और न हवा से उड़कर वो सिर्फ तिल्दा रेलवे स्टेशन में आरोपियों के घर के पास जाने के लिए उड़ सकता है.
यही कारण है कि यदि वहां लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच होती है तो कई अहम जानकारियां आरपीएफ के हाथ लगेगी.