सुजान सिंह, अमरवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा विधानसभा के ग्राम बारा हीरा में लोगों को मरने के बाद भी चैन नहीं मिलती है। शव को मुक्तिधाम तक ले जाने के लिए सड़क नहीं है। जर्जर कीचड़युक्त और उबड़-खाबड़ मार्ग से शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ता है। इस गांव का आजादी के इतने वर्षों बाद भी विकास नहीं हुआ है। कहने को पूरे प्रदेश में छिंदवाड़ा जिले के विकास की मिसाल दी जाती है।
दरअसल बारा हीरा ग्राम पंचायत का मुक्तिधाम गांव से दो किलोमीटर दूर स्थित है। बारिश में कच्ची सड़क जर्जर हो जाने के कारण लोगों को अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज भी विकास से यह गांव कोसों दूर है। मुक्तिधा तक सड़क नहीं है। बैठने के लिए चबूतरा भी नहीं है। इस गांव में शव को मुक्तिधाम तक ले आने के लिए अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिसे देखते हुए लगता है कि सरकार जितने विकास के दावे कर ले धरातल पर कितनी सच्चाई है यह इस गांव में देखने में नजर आती है।
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