शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के रहवासियों के लिए बड़ी और राहत वाली खबर सामने आई है। भोपाल गैस कांड (त्रासदी) का जहरीला कचरा 40 साल बाद खत्म होगा। भोपाल गैस कांड की जड़ यूनियन कार्बाइड कारखाने में पड़ा कचरा बेहद घातक और जहरीला है। 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को एक माह के अंदर पीथमपुर रवाना किया जाएगा।

भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग, केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड और प्रीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड सहित अन्य विभागों ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कचरे को यू का फैक्ट्री से इंसीनेटर तक पहुंचाने और निपटने के लिए 126 करोड रुपए जारी किया है। भारी वैज्ञानिक सुरक्षा और विशेष सुरक्षा बल के बीच कचरा रवाना होगा। रासायनिक कचरे को समाप्त करने के लिए जुलाई 2003 में निरीक्षण समिति ने निर्णय लिया था। कचरा निष्पादन से संबंधित प्रक्रियाओं को लेकर 9 साल पहले ट्रायल हो चुका है। साल 2004 से कारखाने के जहरीले कचरे के निपटान को लेकर मामला उलझा था।

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