बीडी शर्मा, दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिला अस्पताल में प्रसूताओं की मौत का मामला तुल पकड़ लिया है। आज रविवार को कांग्रेस ने शहर के रामकुमार स्कूल के पास टेंट लगाकर धरना दिया और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। साथ ही जनसमस्याओं को लेकर भी प्रदर्शन किया। इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रही।

दरअसल, जिला अस्पताल में 4 जुलाई को जिन गर्भवती महिलाओं का सीजर ऑपरेशन हुआ था। उनमें से एक-दो नहीं सभी प्रसूताओं को पेशाब रुकने और इन्फेक्शन की शिकायत हुई और एक के बाद एक पांच महिलाओं ने दम तोड़ दिया। सिर्फ बीस दिन के भीतर पांच महिलाओं की मौत हो गई। पांच नवजातों के सिर से मां का आंचल छीन गया। मृतिकाओं के परिजनों ने अस्पताल पर इलाज में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था।

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मामले में कलेक्टर सुधीर कोचर ने इसे बड़ी लापरवाही मानकर जांच का आश्वासन दिया था। मृतिकों में हिंडोरिया गांव की निशा परवीन, हटा की हुमा और पटेरा नया गांव की हर्षना कोरी का नाम शामिल है। जिला अस्पताल के इन सभी मामलों में यूरीन रुक जाने से मामले गंभीर हुए और आईसीयू से किडनी फेल डायलिसिस और अंत में मौत तक पहुंच गए। गौरतलब है कि दमोह जिला चिकित्सालय लापरवाही और मानवता को शर्मशार करने वाली घटनाओं के लिए चर्चाओं में रहता है।

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