Sona Chandi Ka Bhav: त्योहारी सीजन से ठीक पहले सोने की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट ने बाजार का उत्साह कई गुना बढ़ा दिया है। 24 कैरेट सोना जो 18 जुलाई को 74,064 रुपए प्रति 10 ग्राम था, वह 8% घटकर 68,131 रुपए पर आ गया है। ज्वेलरी सोना (22 कैरेट) 64 हजार रुपए पर है। इसके चलते बाजार में दो बड़े बदलाव नजर आ रहे हैं। पहला, नवंबर-दिसंबर में आने वाले शादियों के सीजन से पहले खरीदारी शुरू हो गई है। दूसरा, अगस्त से दिसंबर तक 8 बड़े त्योहार हैं। नवंबर-दिसंबर में विवाह के लिए 16 शुभ तिथियां हैं। उज्जैन के पंडित सुधीर के अनुसार खरीदारी के लिए महत्वपूर्ण पुष्य नक्षत्र 4 अगस्त, 31 अगस्त, 27 सितंबर और 25 अक्टूबर हैं।

खास बात यह है कि इस साल मई-जून में विवाह के लिए कोई शुभ तिथियां नहीं थीं, जिसके चलते बड़ी संख्या में शादियां नवंबर-दिसंबर में खिसक गई हैं। ऐसे में इस बार सोने की बिक्री के रिकॉर्ड टूट सकते हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक दिसंबर तक आभूषण, सोने की छड़ और सिक्कों की मांग बढ़ेगी। 50 टन अतिरिक्त मांग पैदा हो सकती है।

सोने की बढ़ती कीमतों का दौर लौट सकता है

कई सालों से देश में सोने पर लगने वाले ऊंचे कस्टम ड्यूटी को कम करने की जरूरत थी। सरकार खुद घाटे में चल रही थी, क्योंकि सोना तस्करी और दूसरे रास्तों से आ रहा था। अब बाहर की कीमत और देश की कीमत में 5 फीसदी का अंतर है। ऐसे में कोई भी बाहर से नहीं खरीदेगा। लोग देश में ही सोना खरीदेंगे। इन दो वजहों से इस साल सोने का आयात 30 से 40 फीसदी और आभूषणों की खरीदारी 10 से 15 फीसदी बढ़ सकती है।

हालांकि, आने वाले समय में सोने की कीमत घटेगी या बढ़ेगी, इसका अनुमान लगाना काफी मुश्किल है। आयात शुल्क में कमी के बाद कीमतों में समायोजन किया गया है। यहां से सोना थोड़ा ही नीचे जा सकता है। सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कारकों, डॉलर, रुपये, फेड ब्याज दरों से तय होती हैं। लेकिन मुझे लगता है कि आने वाले 20-30 दिनों में सोने की कीमतें फिर बढ़ सकती हैं।

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