महासमुंद/मोहला-मानपुर। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से कहीं बांध के फूटने, तो कहीं से सड़क के टूटने की खबर आ रही है. बारिश की वजह से लोगों का आम जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है. वहीं बारिश के दिनों में व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए शासन-प्रशासन को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है. इसे भी पढ़ें : बढ़ी हुई बिजली दर से संकट में स्टील और स्पंज उद्योग, 29 जुलाई को रात 12 बजे से विरोध में प्लांट करेंगे बंद

महासमुंद जिले मे पिछले 5 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम द्वारतराकला जलाशय आज सुबह फूट गया. जलाशय फूटने से ग्राम द्वारतराकला, द्वारतराखुर्द और भालूकोना के लगभग 40 किसानों की लगभग 80 एकड़ में लगी धान की फसल चौपट हो गई है. जलाशय फूटने के समय जलाशय मे 14 फीट पानी भरा हुआ था, जो किसानों के खेतों में भर गया.

द्वारतराकला के सरपंच ने बताया कि सन् 1999-2000 में अकाल के समय पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने राहत मद से 30 एकड़ में इस जलाशय का निर्माण मजदूरों को रोजगार व निस्तारी के लिए कराया था, जो बाद में नतई नाला से जुड़ता, पर काम अधूरा रहने के कारण इस जलाशय से निस्तारी किया जाता था. पिछले वर्ष से ही रिसाव हो रहा था, जो आज फूट गया.

मोहला-मानपुर जिले में महाराष्ट्र को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे में बारिश के पानी के दबाव से कोंडाल नदी स्थित निर्माणाधीन पुल किनारे बना डाईवर्शन सड़क-पुल बह गया. हफ्ते भर पहले नेशनल हाइवे में ही कोतरी व कोरकोट्टी नदी में भी डाइवर्शन सड़क-पुल बहा गया था. इस तरह से हफ्ते भर से नेशनल हाइवे पर मानपुर से अंतर्राज्यीय आवागमन पूर्णतः बंद है. मानपुर में पढ़ने वाले कोहका क्षेत्र के विभिन्न गांवों के कई स्कूली बच्चे हफ्ते भर से स्कूल नहीं पहुँच पा रहे हैं.