Rajasthan News: रविवार को जोधपुर में एक ब्रेन डेड मरीज के अंगदान से 4 लोगों को नया जीवन मिला। सड़क दुर्घटना की शिकार 25 वर्षीय महिला के परिवार ने जरूरतमंदों को जीवन का उपहार देने के लिए उसके अंगदान करने का फैसला किया। संभावित प्राप्तकर्ताओं के प्रत्यारोपण के लिए दानकर्ता की किडनी, लीवर और हृदय को निकाला गया।

सोटो द्वारा किए गए आवंटन के अनुसार एक किडनी और लीवर एम्स जोधपुर को तथा दूसरी किडनी और हृदय एसएमएस अस्पताल जयपुर को आवंटित किया गया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने जयपुर एवं जोधपुर जिले के कलेक्टर्स से दूरभाष पर चर्चा कर ग्रीन कॉरिडोर सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं।

किडनी को सड़क मार्ग से एसएमएस जयपुर स्थानांतरित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसी प्रकार हृदय को पहले एम्स से जोधपुर एयरपोर्ट और फिर हवाई मार्ग से जयपुर लाया गया। उसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हृदय को जयपुर एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से एसएमएस लाया गया। इस तरह 25 वर्षीय अनीता 4 लोगों को नया जीवन देकर अपनी ओर से अंतिम उपहार दे गई, जो इन चार लोगों के माध्यम से जीवंत रहेगा।

जोधपुर एम्स में पहली बार किसी ब्रेन डेड मरीज का कार्डियक रिट्रीवल किया गया है, जिससे भविष्य में इस तरह की और प्रक्रियाओं का मार्ग प्रशस्त होगा। ऑर्गन रिट्रीवल प्रक्रिया को एम्स जोधपुर के ऑर्गन ट्रांसप्लांट टीम द्वारा कार्यकारी निदेशक प्रो. जीडी पुरी, ट्रांसप्लांट टीम के अध्यक्ष प्रो. एएस संधू और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपक झा की देखरेख में अंजाम दिया गया। ऑर्गन रिट्रीवल प्रक्रिया के बाद शव को पूरे सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ परिवार को सौंप दिया गया। करुणा का यह कार्य दानकर्ता के परिवार की सहानुभूति के बिना संभव नहीं था, उन्होंने अपार दुःख के क्षण में मानवता के प्रति संवेदना का अनमोल उदाहरण पेश करते हुए अंगदान का महान मार्ग चुना। चिकित्सा पेशेवरों के अटूट समर्पण और एम्स प्रशासन सहित पुलिस और प्रशासनिक सेवाओं के समर्थन के साथ उनके निर्णय ने चार लोगों को जीवन का उपहार दिया।

एसएमएस अस्पताल की टीम की रही महत्वपूर्ण भूमिका

इस पूरी प्रकिया के दौरान सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टर्स एवं सोटो की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑर्गन रिट्रीवल के लिए एसएमएस अस्पताल से यूरोलॉजी एवं कार्डियोथोरेसिक विभाग से चिकित्सकों की टीम रात को जोधपुर पहुंची। हार्ट रिट्रीवल के बाद सुबह कार्डियोथोरेसिक विभाग की टीम वापस अंग लेकर जयपुर पहुंची और यहां एसएमएस अस्पताल में पहले से तैयार ओटी में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया। इसी प्रकार सड़क मार्ग से आई किडनी का भी सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया। एस्एमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि टीम में वरिष्ठ प्रोफेसर न्यूरोसर्जरी डॉ. मनीष अग्रवाल, सीटीवीएस सर्जरी के डॉ. राजकुमार यादव व डॉ. संजीव देवगढ़ा, एनेस्थिशिया से डॉ. रीमा मीना, डॉ. अंजुम सैयद, यूरोलॉजी से डॉ. रामदयाल एवं डॉ. नीरज अग्रवाल एवं टांसप्लांट कॉर्डिनेटर लीलम एवं श्री रामरतन शामिल रहे।

प्रदेश में फिर मजबूती से आगे बढ़ रहा अंगदान कार्यक्रम

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा है कि अंगदान के लिए फर्जी एनओसी प्रकरण के बाद विभाग ने निरंतर प्रयास कर प्रदेश में अंगदान कार्यक्रम को फिर मजबूती से खड़ा किया है। कमेटियों का पुनर्गठन करने, एसओपी बनाने एवं अंगदान व प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी बनाने जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसके चलते केंद्र सरकार ने भी अंगदान की दिशा में राजस्थान की प्रो-एक्टिव एप्रोच को सराहा है।

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