हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर कांग्रेस अध्यक्ष निलंबित होने के बाद भी पार्टी कार्यालय में बैठक लेते रहे। कांग्रेस से सात दिनों तक सस्पेंड होने के बाद अब मीटिंग करना उन्हें भारी पड़ सकता है। नोटिस की अवहेलना करने पर उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जा सकता हैं।

दरअसल, इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा को बीजेपी के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत सत्कार और चरण वंदना इतना भारी पड़ गया कि अब लगातार पार्टी के अंदर कुछ लोग सुरजीत चड्ढा को दबी जुबान में गद्दार तक कह रहे हैं। कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता का कहना है जिन्होंने इंदौर शहर के अंदर लगातार राहुल गांधी को पप्पू कहकर संबोधित किया उनका स्वागत सत्कार करना गलत है और ऐसे नेता जो हमारे राष्ट्रीय नेता को जो कि प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं, उनको पप्पू कहते हैं और दूसरी ओर शहर अध्यक्ष सुरजीत चढ़ा चरण वंदन करते हैं, उन्हें गुलाब जामुन खिले हैं।

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निलंबन अवधि तक बैठकें आयोजित नहीं कर सकते नेता

जब पार्टी से उन्हें नोटिस मिलता है तो उस आदेश का पालन न करते हुए इसी दौरान यूथ कांग्रेस महिला कांग्रेस सेवा दल की बैठक करते हैं। जबकि पार्टी में नियम है कि जिसे निलंबित किया जाता है समय अवधि में वह पार्टी कार्यालय पर बैठकें आयोजित नहीं कर सकता है। ऐसा करने वाले को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित भी किया जा सकता है और सुरजीत चड्ढा ने जो काम किया है, उससे उन्हें निष्कासित करना चाहिए। क्योंकि हम खुलकर अगर सामने आएंगे तो पार्टी के अंदर ही एक दूसरे का विरोध दिखाई देगा। लेकिन सुरजीत चड्ढा ने जो किया है उसका ना ही सुरजीत को पछतावा है और ना ही वे इसे माफी मांग रहे हैं।

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सुरजीत बोले- सच्चा कांग्रेसी हूं, नोटिस का जवाब दे दिया है

इसके साथ ही जब लल्लूराम डॉट कॉम (Lalluram.com) ने सुरजीत से फोन पर बात की, के उन्हें नोटिस कब मिला तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी का उनका अंदरूनी मामला है और उन्होंने पार्टी फॉर्म में नोटिस का जवाब दे दिया है। पार्टी का जो आदेश होगा, जो कहेगी वह करने के लिए तत्पर हूं और सच्चा कांग्रेसी हूं। हालांकि सोशल मीडिया पर नोटिस वायरल होने के बाद बताया जा रहा है कि सुरजीत चड्ढा के कुछ शुभचिंता ने ही इस नोटिस को वायरल करवाया है।

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दुश्मन का पार्टी कार्यालय में स्वागत करना हमारी परंपरा- सुरजीत चड्ढा

वहीं शहर अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्ष के नोटिस में आवक जावक क्रमांक भी एक ही डाला है, जिसे बताया जा रहा है कि नोटिस को छुपाए रखा था, लेकिन आवक जावक में जब इसकी एंट्री की गई तो यह नोटिस वायरल हो गया। 2 दिन पहले सुरजीत चड्ढा ने Lalluram.com के सवाल पर जवाब देते हुए कहा था कि उन्हें किसी प्रकार का नोटिस नहीं मिला है और जब नोटिस वायरल हो गया और उसके बाद पूछा तो उन्होंने कहा कि पार्टी फॉर्म में मैंने अपना जवाब दे दिया है। साथ ही उन्होंने यह कहा था कि अगर दुश्मन भी पार्टी कार्यालय आता है तो उसका स्वागत करना हमारी परंपरा है।

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