भुवनेश्वर. हीराकुद बांध से अतिरिक्त बाढ़ का पानी छोड़े जाने के बाद महानदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. इससे महानदी के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इतना ही नहीं, कुछ अन्य नदियों में उफान देखने को मिला है. हीराकुद बांध से रविवार को चरणबद्ध तरीके से 20 गेट खोलकर इस मौसम का पहला बाढ़ का पानी छोड़ा गया.
पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी के प्रवाह में वृद्धि को देखते हुए हीराकुद बांध के गेट खोलने का निर्णय लिया गया. हीराकुद बांध का जलस्तर अब 628 फीट पर है, जबकि 3,47,628 क्यूसेक पानी के बहिर्वाह के मुकाबले 2.50 लाख क्यूसेक से अधिक पानी बांध में प्रवेश कर रहा है. हीराकुद से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद राज्य में महानदी और इसकी कुछ सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ गया है.
सोनपुर के बिनिका में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, जो नीचे की ओर स्थित है. अगर हीराकुद बांध के और गेट खोले गए तो स्थिति और खराब होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि पिछले 10 दिनों से हो रही बारिश के कारण बिनिका के लोगों को पहले से ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) के कार्यालय ने संबलपुर, सोनपुर, नयागढ़, पुरी, कटक, जगतसिंहपुर और केंद्रापड़ा जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया था.