लखनऊ। उत्तरप्रदेश के बदायूं की पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य को जमानत मिल गई है। दरअसल, संघमित्रा मौर्य और उनके पिता पर केस चल रहा है। संघमित्रा पर बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने का आरोप है। कई बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन पेश नहीं हुए। जिसके बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।

शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर हुई। जहां उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। एमपी एमएलए कोर्ट ने संघमित्रा को अंतरिम जमानत पर रिहाई दी है। उन्हें 12 अगस्त तक जमानत मिली है। 12 अगस्त के बाद संघमित्रा मौर्च को फिर से कोर्ट में पेश होना होगा।

ये है पूरा मामला

संघमित्रा मौर्य पर आरोप है कि शादीशुदा होने के बावजूद धोखा देकर दूसरी शादी रचाई। यह मामला लखनऊ की एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा है। संघमित्रा पर बगैर तलाक के दूसरा विवाह करने का आरोप है। पत्रकार दीपक कुमार स्वर्णकार का कहना है कि 3 जनवरी 2019 को उसकी शादी संघमित्रा मौर्य से हुई थी।

शादी के समय अभियुक्ता और उसके पिता ने बताया था कि संघमित्रा का अपने पहले पति से तलाक हो चुका था, जबकि बाद में पता चला कि अभियुक्ता का तलाक 2021 में हुआ था। दावा है कि संघमित्रा ने अपने चुनावी हलफनामे में खुद को अविवाहित बताया है और यह पूरी तरह से झूठ है।

कौन हैं संघमित्रा मौर्य ?

संघमित्रा मौर्य ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत 2011 में कासगंज जनपद के सिढ़पुरा से की थी। उन्होंने बीजेपी के टिकट पर साल 2019 में बदायूं सीट से समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव को हराया था। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में वो बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर यूपी की मैनपुरी सीट से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुकी हैं। उस समय उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा में थे।

इसके अलावा 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी संघमित्रा मौर्य एटा जिले की अलीगंज विधानसभा सीट से सपा के खिलाफ बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं थी। हालांकि इन दोनों ही इलेक्शन में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।