Rajasthan News: जयपुर. कांग्रेस से सांसद और विधायक रहे पूर्व एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने भाजपा ज्वाइनिंग करने के चार माह बाद ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

उन्होंने भाजपा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा भेजा है. बैरवा ने पत्र में लिखा है कि उनको भाजपा से कोई शिकायत नहीं है. भाजपा और कांग्रेस की अलग-अलग विचारधारा है. मैंने ओर मेरे कार्यकर्ताओं ने भाजपा ज्वाइन की थी, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी मैं भाजपा की विचारधारा से अपने आप को जोड़ नहीं पा रहा हूं.

मैंने 33 साल कांग्रेस की सक्रिय राजनीति की है. कांग्रेस की विचारधारा मेरे खून में शामिल हो गई है. मैं और मेरे साथी कार्यकर्ता भाजपा से अलग हो रहे हैं. बैरवा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट गुट के माने जाते हैं. चर्चा है कि वे जल्द फिर से कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं.

राठौड़ को बधाई दी, सरकार से चार जांच की भी मांग की

बैरवा ने अपने इस्तीफे में सबसे पहले मदन राठौड़ को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बनने की बधाई दी. इसके साथ ही पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर हमलावर तेवर भी पत्र में दिखाए. कहा कि पायलट गुट के लोगों के गहलोत सरकार में फोन टेप करवाए गए. मेरा भी फोन टेप करवाया गया. योजनाबद्ध तरीके से मुझे पार्टी से निकाला गया. चापलूस लोगों की सिफारिश पर प्रदेश के टुकड़े- टुकड़े करके जिले बना दिए. पंचाय समिति स्तर के क्षेत्रफल को भी जिला बना दिया.

समाज के टुकड़े कर इतने सामाजिक बोर्ड बना दिए, जिसका स्वंय को भी पता नहीं होगा. मैंने एससी आयोग का अध्यक्ष रहते हुए उनसे इसे संवैधानिक दर्जा देने की मांग की थी, इसमें क्या गुनाह किया था. भजनलाल सरकार पूर्व गहलोत सरकार के अंतिम छह माह के कामों की जांच और समीक्षा की है. इसमें चार विषयों जिला बनाने, सामजिक बोर्ड बनाने, फोन टेपिंग करने और एससी आयोग को वैधानिक दर्जा देने के मामले की जांच कराएं.

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