नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की लांजी विधानसभा से भाजपा विधायक ने अपनी ही सरकार के आदेश को चुनौती दी है। उन्होंने अपने क्षेत्र में गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों पर कार्रवाई कर रहे अधिकारियों को चेताया है। MLA ने अफसरों से कहा कि अगर कार्रवाई बंद नहीं की तो इसके परिणाम उन्हें भुगतने पड़ेंगे।

दरअसल, 15 जुलाई को गैर मान्यताधारी व्यक्तियों और गांव-गांव में प्रैक्टिस कर रहे झोलाछाप चिकित्सकों के चिकित्सीय व्यवसाय को नियंत्रित करने, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ने आदेश जारी किए थे। जिसके परिपालन में बीते दिनों एसडीएम प्रदीप कौरव, बीएमओ गेडाम और टीम ने विशेषज्ञ पैथालॉजिस्ट नहीं होने के बावजूद पैथोलॉजी चला रहे दो लैब और बिना अनुमति ऐलोपैथिक दवा लिख रहे दो क्लिनिकों को नोटिस जारी किया गया था।

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इसके बाद क्षेत्र के गांव-गांव में प्रैक्टिस कर रहे गैर मान्यताधारी झोलाछाप चिकित्सकों ने 30 जून को लांजी विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजकुमार कर्राहे से मुलाकात कर प्रशासनिक कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की और इस पर रोक लगाए जाने की मांग की। इस दौरान गांव-गांव चिकित्सीय व्यवसाय कर रहे व्यक्तियों को विधायक ने आश्वस्त किया है कि इस मामले में कलेक्टर से चर्चा हो गई है और उन्होंने कहा कि अब छापामार कार्रवाई किसी पर नहीं होगी।

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वहीं विधायक राजकुमार कर्राहे ने यह भी कहा कि गांव-गांव चिकित्सीय व्यवसाय करने वाले इन्हीं लोगों ने कोरोना कॉल में अपनी सेवाएं देकर लाखों जिंदगियों को बचाया है। जिन्होंने विषम परिस्थिति में देश को निकालने का काम किया है और गांव में बीमारी से पीड़ित के लिए यही चिकित्सक, इन्हें सेवाएं देते है। वह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है और इनके खिलाफ जारी सरकार के आदेश को लेकर वह मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से चर्चा करेंगे।

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