रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद पीएम आवास राजनीतिक तौर पर सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. इस मुद्दे पर चर्चा मौजूदा मानसून सत्र में खूब हुई, सड़क पर भी कांग्रेसियों ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया है. यही नहीं पीएम आवास पर सियासी वार और पलटवार अब दिल्ली से भी होने लगा है. दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान के बाद से प्रदेश में इस पर सियासत और तेज हो गई है. रोज मीडिया में सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से इस बयान आ रहे हैं. चौहान, साय, साव और बघेल जैसे नेताओं ने एक-दूसरे पर वार-पलटवार किया है. और बात सरकारी पत्र जारी करने तक आ गई है.

कांग्रेस सरकार ने किया था अन्याय- शिवराज सिंह चौहान

दरअसल बीते दिनों दिल्ली में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुलाकात की थी. उन्होंने प्रदेश में रुके हुए पीएम आवास को जल्द स्वीकृत करने की मांग की थी. केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की ”छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार ने छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ अन्याय किया. केंद्र सरकार यहां से पैसा भेजती थी लेकिन राज्य सरकार को जितना अंश उसमें डालना था वह पैसा राज्य सरकार ने दिया ही नहीं, जिसके कारण पिछले 5 सालों में छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बने ही नहीं. पीएम आवास योजना को लेकर केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को हर मदद देने को तैयार है.

कांग्रेस सरकार नहीं दिया था राज्यांश- विष्णुदेव साय

वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ के 18 लाख लोग प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से वंचित हुए. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राज्यांश नहीं दिया. हमनें अपनी बात केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री के सामने रखी और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले पैसे को केंद्र से आवंटित करने की बात की.

गरीबों पर नमक- अरुण साव

वहीं मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस गरीबों के जले पर नमक छिड़कने का काम करती है. कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ के लोगों को पीएम आवास के लिए तड़पाया है. भाजपा की सरकार बनने के बाद 5 हजार आवास शहरों में बनने शुरू हो गए हैं. सच्चाई ये है कि कांग्रेस सरकार के दौरान केंद्र की ओर से राज्यांश उपलब्ध ही नहीं कराया था. और तो और तत्कालीन पंचायत मंत्री टीए सिंहदेव को पंचायत विभाग से इस्तीफा देना पड़ा था.

….चाहे तो पत्र जारी करे दें- भूपेश बघेल

इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि पीएम आवास को लेकर मेरे खिलाफ झूठे बयान केंद्रीय मंत्री से दिलवाए गए. जिससे कि मुझे झूठा साबित किया जा सके. जबकि सच्चाई ये है कि हमारी सरकार के समय हमने पीएम आवास के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया था. केंद्र की ओर से लाभांश नहीं दिया गया. यही नहीं वर्तमान जितनी भी बात आवास को लेकर उसमें साय सरकार बता दें कि एक भी आवास स्वीकृत हुई है या नहीं. सदन में तो मैंने इस पर प्रश्न किया था, जवाब तो आया नहीं. अब सदन के बाहर कुछ और बात कह रहे हैं. 18 लाख साय सरकार ने बनाने की बात कही है. होर्डिंग में दिख भी रहा है, लेकिन जमीन पर कहीं नहीं है. सरकार सिर्फ कागजों पर चल रही है. और वैसे भी पीएम आवास पर हमारी सरकार में क्या हुआ या क्या नहीं सारा रिकार्ड सरकार के पास है. चाहे तो राज्य और केंद्र सरकार के जो-जो पत्र वो जारी कर दें.