पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। मैनपुर ब्लॉक के धोबन माल पंचायत के आश्रित ग्राम डोंगरी भांठा में बरसात के दिनों में सड़क की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है. 600 की आबादी वाले इस गांव में एक भी पक्की सड़क नहीं है. गांव से लेकर पंचायत मुख्यालय तक पहुंचने कीचड़ से लथपथ सड़क हो कर जाना पड़ता है. इसी बीच आधे किलोमीटर की दूरी पर प्राथमिक स्कूल भी है. जहां पढ़ने के लिए आने वाले बच्चों को बारिश भर कीचड़ से लथपथ होकर आना पड़ता है. ग्रामीण गोवर्धन मरकाम ने बताया कि सड़क के लिए सांसद से लेकर विधायक तक शासन से लेकर प्रशासन तक मांग किए पर इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया गया.

मितानिन खिरमती बाई ने बताया कि बारिश के दिनो मे सुरक्षित प्रसव कराना किसी चुनौती से कम नही होता.गांव के बाहर जाने वाले सभी सड़क कीचड़ से लथपथ रहता है. पैदल चलना दुभर हो जाता है,बारिश के समय हादसे में कई बार जच्चे बच्चे को नुकसान हो चुका था, इसलिए अब समय से पहले गांव से बाहर परिजनों के घर आश्रय लेकर गर्भवती को रखना पड़ता है.

वोट लेने आते हैं नेता

गांव के बुजुर्ग पूरन सिंह और धनु राम मरकाम ने कहा की यह आदिवासी बहुल गांव है, 400 वोटर भी है. भाजपा कांग्रेस के कई आदिवासी नेताओं को हम अब तक वोट देते आए हैं. चुनाव के समय ही वे दिखते हैं,वादा भी करते हैं सड़क बनाने का,लेकिन हमको केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने वाले नेता हमारी इस समस्या को दूर नही किया.पिछले 20 साल से सड़क की मांग हो रही है.

मामले में पंचायत सचिव विनोद बिहारी ने बताया कि पिछले साल 5 लाख का मुरमीकरण किया गया था. लेकिन इस बार जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन खोदने वालों ने सड़क में कीचड़ डाल दिया.