कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में निजी स्कूलों की मनमानी देख कर लगता है की, उनके आगे हुकूमतें भी घुटने टेक चुकी है। यह बात इसलिए कहीं जा रही है क्योंकि जिस कदर निजी स्कूलों की मनमानी चल रही है, उस पर लगाम लगाने की तमाम कोशिश से नाकाम साबित हो रही है। यहां तक की जबलपुर कलेक्टर की कार्रवाई के बावजूद न तो निजी स्कूल फीस कम करने तैयार है ना ज्यादा ली गई फीस वापस करने तैयार है।

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यही नहीं कई निजी स्कूल तो अभिभावकों की बात तक सुनने को तैयार है। अब आलम यह है  कि स्कूल अब उससे आगे जाकर लेट फीस के साथ फीस जमा करने का फरमान सुना रहे हैं।  यही नहीं स्कूल जाकर आवाज उठाने वाले अभिभावकों के बच्चों की पहचान की जा रही है, उनकी अलग से लिस्ट बनाई जा रही है। 

वहीं अब तो आलम यह है कि शहर के सेंट लाइसेंस स्कूल पोलीपाथर पर तो समय से पहले ही स्कूल का गेट बंद कर बच्चों को आने से रोकने का आरोप लग रहा है। सेंट लाइसेंस स्कूल पॉलिपत्थर के सामने आज सुबह सैकड़ों बच्चों की भीड़ देखने को मिली। छोटे-छोटे बच्चों को लेकर अभिभावक स्कूल के बाहर परेशान होते रहे। लेकिन स्कूल ने उनकी एक नहीं सुनी और कई बच्चों को स्कूल के अंदर एंट्री तक नहीं दी। 

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कुछ बच्चे तो ऐसे भी थे जो बिना अभिभावकों के यानी कि ऑटो और गाड़ियों में स्कूल पहुंचे थे, उन्हें तक स्कूलों में एंट्री नहीं मिली। सवाल यह हो रहा है कि यदि इस तरह से स्कूल का गेट बंद कर दिया जाए तो और बच्चों के साथ यदि कोई घटना होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। अभिभावक सुबह-सुबह सेंट अलॉयसियस स्कूल पोली पाथर की इस हरकत को देखते ही अभिभावक भी स्कूल पहुंचे और स्कूल प्रबंधन पर बदला लेने का आरोप लगाया। अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों पर पिछले दिनों हुई कार्रवाई को लेकर स्कूल प्रबंधन उसी का बदला ले रहा है।

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