सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस के बीमा प्रीमियम पर 18 % GST वापस लेने की मांग की है. नितिन गडकरी ने कहा कि GST जीवन की अनिश्चितताओं पर Tax लगाने के बराबर है. इससे इस सेक्टर का ग्रोथ रुक जाएगा.

नितिन गडकरी ने सीतारमण को लिखे अपने पत्र में कहा है, “आपसे अनुरोध है कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST वापस लेने के सुझाव पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करें, क्योंकि यह सीनियर सिटिजन के लिए बोझिल हो जाता है.” उन्होंने कहा, “इसी तरह, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 % GST इस सेगमेंट के विकास के लिए एक बाधा साबित हो रहा है जो सामाजिक रूप से आवश्यक है.”

ये इजरायल का स्टाइल हैः 24 घंटे और दो दुश्मनों का काम तमाम, ईरान में घुसकर हमास चीफ हानिया और लेबनान में हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर फउद को किया ढेर- Israel Revenge

GST लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर Tax लगाने के बराबर

“जीवन बीमा प्रीमियम पर GST लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के समान है. यूनियन का मानना है कि जो व्यक्ति परिवार को कुछ सुरक्षा देने के लिए जीवन की अनिश्चितताओं के जोखिम को कवर करता है, उसे इस जोखिम के खिलाफ कवर खरीदने के प्रीमियम पर टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए.”

सोनिया गांधी ने संसदीय दल की बैठक में कहा विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर काम करने की जरूरत…

गडकरी ने कहा, ” यह जीवन बीमा के जरिए बचत के अंतर उपचार, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए आयकर कटौती को फिर से शुरू करने और सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के कंसॉलिडेशन की ओर भी इशारा करता है.”

बजट को लेकर हो रही आलोचना

नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री को यह पत्र ऐसे समय लिखा है जब मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट को लेकर कई पक्षों की आलोचना हो रही है. विपक्ष ने जहां केंद्र पर केवल अपने प्रमुख सहयोगी TDP और JDU शासित राज्यों के प्रति उदार होने का आरोप लगाया है, वहीं सोशल मीडिया यूजर्स के एक वर्ग ने सैलरीड क्लास के लिए हाई टैक्स रेट की ओर इशारा किया है. वित्त मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र ने सभी राज्यों को धन मुहैया कराया है. उन्होंने कहा कि अगर बजट भाषण में किसी राज्य का नाम नहीं है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह कवर नहीं है.