जयपुर. राजस्थान में विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस नेता शांति धारीवाल ने कुछ दिनों पहले अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था. जिसके बाद विधानसभा स्पीकर ने उनपर कार्रवाई करते हुए सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी. वहीं अब धारीवाल ने सदन में माफी मांगते हुए इस मामले में फिर से बड़ा बयान दे दिया है.

शांति धारीवाल का माफी का बयान

माफी मांगते हुए शांति धारीवाल ने सदन में कहा, “उस दिन संदीप शर्मा ने मुझे बोलने से रोका था. मुझे लगा कि वह आसन पर नहीं बल्कि मेरे सामने बैठे हैं. इस वजह से मेरे मुंह से कुछ अप्रिय शब्द निकल गए. मैं मानता हूं कि ये शब्द गलत थे, लेकिन ये बातें मजाक के तौर पर कही गई थीं. मैं इसके लिए कई बार माफी मांगने के लिए तैयार हूं.”

स्पीकर की प्रतिक्रिया

इस पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शांति धारीवाल को सलाह दी कि वे संदीप शर्मा से व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने के बजाय सदन में इस्तेमाल किए गए असंसदीय शब्द के लिए माफी मांगें. स्पीकर ने कहा, “जब आपके बयान की खबर चैनल पर चली, तो इससे न केवल आपकी, बल्कि पूरे सदन की प्रतिष्ठा पर असर पड़ा. राजस्थान विधानसभा की प्रतिष्ठा का जो नुकसान हुआ है, वह केवल माफी मांगने या खेद प्रकट करने से समाप्त नहीं होगा.”

संदीप शर्मा को लेकर धारीवाल का बयान

धारीवाल ने कहा कि संदीप शर्मा उनके बेटे के दोस्त हैं और उनके बीच अक्सर हल्की-फुल्की बातें होती हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह और संदीप शर्मा एक-दूसरे की बातों को बुरा नहीं मानते हैं. धारीवाल ने यह भी कहा कि वह मानते हैं कि संदीप शर्मा ने उनकी बातों को बुरा नहीं माना होगा.

असंसदीय शब्द की स्वीकार्यता

स्पीकर ने धारीवाल को निर्देशित किया कि वे पहले अपनी गलती को स्वीकार करें और सदन से औपचारिक माफी मांगें. उन्होंने कहा कि धारीवाल का बयान केवल गलत नहीं बल्कि असंसदीय था, और इसे स्वीकार कर सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है.

इस मामले ने राजस्थान विधानसभा में राजनीतिक और विधायी विवाद को जन्म दिया है, और अब देखना होगा कि शांति धारीवाल की माफी स्वीकार की जाती है या नहीं.