लखनऊ. प्रदेश में सत्ता और संगठन के बीच तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का अलग सुर अलापना उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल ला रहा है. एक बार फिर उन्होंने अपने बयान से ये जताने की कोशिश की है कि संगठन से सत्ता बनती है, सत्ता से संगठन नहीं. दरअसल, आज विधानभवन पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सदन में कह दिया कि संगठन सरकार से बड़ा ही है. संगठन से ही सरकार बनती है. इन सब विषयों को लेकर पार्टी फोरम पर बात होती है.

इधर मौर्य ने कहा कि संसद में अखिलेश यादव ने जो कहा होगा संसद में बैठे लोग जवाब देंगे. यूपी विधानसभा के कार्यवाही सुचारू रूप से चल रही है, जो समीक्षा करने लायक बात होगी उसे पर समीक्षा की जाएगी. उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी विधानसभा में बहुत अच्छे से काम हो रहा है, वे (अखिलेश यादव) अब दिल्ली वाले हैं, दिल्ली की चिंता करें.”

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लोकसभा में पार्टी के प्रदर्शन पर कटाक्ष

बता दें कि बीते सोमवार को भी मौर्य ने कुछ ऐसा ही बयान देकर प्रदेश में बनी सत्ता और संगठन के बीच की खाई को बड़ा करने का काम किया था. भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में उन्होंने बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि संगठन और सरकार एक दूसरे के पूरक हैं. सरकार चुनाव नहीं जिताती है, इलेक्शन संगठन जीताता है. हमारी जब सरकार नहीं थी, तब हम जीते थे, लेकिन जब सरकार आई तो हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके. डिप्टी सीएम ने कहा कि यूपी में हम अति आत्मविश्वास से हारे. मीडिया में जो चलता है, उससे अलग होता है. वहीं उन्होंने समाजवादी पार्टी पर भी जमकर हमला बोला था. उन्होंने कहा कि सपा में अभी और बड़ी भगदड़ मचने वाली है. माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से बहुत लोग नाराज हैं.

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हार के बाद मनमुटाव की स्थिति

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका लगा था. भाजपा को 33 सीटें मिली थीं, जबकि इंडिया गठबंधन सपा को 37 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली थीं. इस हार के बाद से भारतीय जनता पार्टी में मनमुटाव की स्थिति बनने लगी थी. बीजेपी के यूपी संगठन में खटपट का मामला तब बढ़ा जब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद यूपी भाजपा की कार्यकारिणी बैठक में बड़ी बात कह दी थी. उन्होंने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा होता है. इसके बाद से ही कयासों का दौर शुरू हो गया था. एक बार फिर उनके इस बयान के बाद से सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है.