सावन के माह की शिवरात्रि को लेकर शिव भक्तों में बहुत खास महत्व होता है. शिवपुराणनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत करने से संपूर्ण सावन की पूजा का फल प्राप्‍त होता है. साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है. इसके प्रभाव से जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है और परिवार में खुशियां के साथ शुभ होता हैं.

मान्‍यता है कि शिवरात्रि का व्रत शिवजी को सबसे प्रिय होता है और सावन शिवरात्रि का महत्‍व फाल्‍गुन मास की शिवरात्रि के बा द सबसे अधिक माना जाता है. माह की जै शिवरात्रि 2 अगस्‍त को मनाई जाएगी या 3 अगस्‍त को, इस बात को लेकर लोगों के बीच में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

पंचांग के अनुसार सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से आरंभ होगी और अगले दिन 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में सावन माह की शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्‍त को रखा जाएगा. इस दिन भगवान शिव का जल अभिषेक रूद्राभिषेक करने का महत्‍व सबसे खास माना जाता है. शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने से आपको शीघ्र ही पूजा का फल मिल जाता है.