रमेश सिन्हा, पिथौरा. महासमुंद जिले के बसना ब्लॉक बूटीपाली गांव इन दिनों चमत्कारी बाबा के नाम से चर्चा में है, क्योंकि यहां एक बाबा निःसंतान महिलाओं को संतान प्राप्ति के लिए नींबू मंदार फूल खिलाकर झाड़ फूंक करता है. 40 साल के बाबा पीतांबर जगत का दावा है कि निःसंतान महिलाओं को नींबू चटवाने और मंदार का फूल खिलाने के बाद महिलाएं गर्भवती हो जाती है. बूटीपाली गांव में बाबा पीतांबर जगत बीते नवरात्रि से निःसंतान दम्पतियों कों संतान प्राप्ति के लिए दरबार लगा रहे थे, जिसकी शिकायत अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने कलेक्टर से की थी. इसके बाद प्रशासन ने दरबार को बंद करा दिया है.

बाबा पीतांबर हर सप्ताह मंगलवार और शनिवार को अपने घर में दरबार लगता था. महासमुंद सहित अन्य राज्यों से लोग हजारों की संख्या में बाबा के पास आते थे. ग्रामीणों का कहना है कि दरबार लगता था तब हजारों लोग आते थे. पूरे गांव में गाड़ियों की लंबी कतारें लगती थीं. अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने महासमुंद कलेक्टर प्रभात मालिक को पत्र लिखकर इस दरबार की शिकायत की थी. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और बाबा का दरबार बंद करा दिया.

15 साल की उम्र से झाड़ फूंक और जड़ी बूटी से इलाज कर रहा था बाबा

लल्लूराम डॉट कॉम की टीम मामले की पूरी जानकारी लेने ग्राम बूटीपाली पहुंची. बाबा पीतांबर जगत ने मीडिया में कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया. संवाददाता से ऑफ कैमरे में बाबा ने बताया कि 15 साल की उम्र से जड़ी बूटी और झाड़ – फूंक से इलाज कर रहा हूं. लोग अपनी श्रद्धा से आते हैं और अपना इलाज करवाते हैं. पिछले नवरात्रि यानी 3-4 महीने से माता रानी के आशीर्वाद से निःसंतान दम्पतियों कों संतान प्राप्ति के लिए मंदार फूल और नींबू देकर आशीर्वाद देता हूं. लोग अपनी श्रद्धा अनुसार चढ़ावा देते थे. कुछ महीने इंतजार कीजिये फिर रिजल्ट भी दिखेगा. प्रशासन के आदेश के बाद अभी दरबार नहीं लग रहा है.

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने कलेक्टर को लिखा था पत्र

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने महासमुंद कलेक्टर को बाबा के अंधविश्वास फैलाने के मामले में कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था. इसके बाद प्रशासन की तरफ से स्वास्थ्य, राजस्व और पुलिस विभाग की टीम बूटीपाली पहुंची और बाबा से पूछताछ की. साथ ही बाबा के दरबार को भी बंद करा दिया. अभी फिलहाल बाबा के घर में कोई दरबार नहीं लग रहा.

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