रवि गोयल, सक्ती। सक्ती में पंचायत विभाग के अधिकारियों के अजब-गजब कारनामे सामने आ रहे हैं. लाखों के भ्रष्टाचार में दो साल पहले दोषी करार सरपंच-सचिव को अधिकारियों ने क्लीन चिट दे दिया है. यहां तक मामले में सरपंच-सचिव को दोषी बताने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही जा रही है. इसे भी पढ़ें : CG Weather Update: प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी, मौसम विभाग ने 17 जिलों में यलो ऑरेंज और रेड अलर्ट किया जारी
मामला सक्ती के ग्राम पंचायत पोरथा का है. ग्राम सरपंच मधु राठौर और सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत हुई थी. मामले की जांच के लिए 6 अधिकारियों की टीम गठित की गई थी, जिन्होंने जांच में लाखों की गड़बड़ी पाई थी. रिपोर्ट दो साल तक धूल फांकती रही. शिकायतकर्ता ग्रामीण कार्रवाई के लिए कार्यालयों के चक्कर काटते रहे, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.
दो साल बाद मामले में फिर से जांच की गई. इस बार जनपद पंचायत के अधिकारी ने सरपंच-सचिव को भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी कर क्लीन चिट दे दिया. वहीं इससे पूर्व जांच करने वाले 6 अधिकारियों को भी गलत साबित कर दिया. जनपद पंचायत सक्ती में अधिकारियों के इस अजब-गजब कारनामे ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा कर दिया है.
अब ग्रामीण सवाल कर रहे हैं कि आखिर क्या कारण था कि दो साल पहले जिस सरपंच-सचिव को भ्रष्टाचार में दोषी बताया गया था, उन पर कार्रवाई नहीं की गई, और आज उन्हें क्लीन चिट देकर अपने ही अधिकारियों को गलत साबित कर दिया गया.
जांच अधिकारियों को देंगे नोटिस
मामले में जनपद पंचायत सीईओ प्रीति पवार का कहना है कि कलेक्टर कार्यालय से शिकायत मिलने पर जांच कराई गई है, जिसमें राशि का आहरण नहीं हुआ पाया गया है. पूर्व में गलत जांच हुई थी, जिसके लिए संबंधित सभी 6 अधिकारियों को नोटिस जारी किया जाएगा.
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