नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में लगातार आतंकी घटनाओं के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए बीएसएफ के महानिदेशक (डीजी) नितिन अग्रवाल और उनके डिप्टी स्पेशल डीजी (पश्चिम) वाई बी खुरानिया को तत्काल प्रभाव से हटाकर उनके संबंधित राज्य कैडर में वापस भेज दिया. इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी किया गया.
बता दें कि राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कठुआ और डोडा जिलों में इस साल ऐसी घटनाओं में 11 सुरक्षाकर्मियों और एक ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) सदस्य सहित कम से कम 22 लोग मारे गए हैं. इस मोर्चे की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली बीएसएफ ने घुसपैठ की किसी भी घटना से इनकार किया है. पिछले महीने कठुआ और डोडा जिलों में दो मुठभेड़ों में पांच आतंकवादी भी मारे गए थे.
कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा जारी अलग-अलग आदेशों में कहा गया है कि उन्हें “तत्काल प्रभाव” से “समय से पहले” वापस भेजा जा रहा है. इसके साथ कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 1989 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी अमृत मोहन प्रसाद को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में एसडीजी के रूप में नियुक्त किया.
अग्रवाल 1989 बैच के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, जबकि खुरानिया 1990 बैच के ओडिशा कैडर के हैं. खुरानिया को ओडिशा में पुलिस बल का प्रमुख या पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाए जाने की उम्मीद है, जहां नई भाजपा सरकार ने अभी-अभी कार्यभार संभाला है.
अग्रवाल ने पिछले साल जून में सीमा सुरक्षा बल प्रमुख का कार्यभार संभाला था और वह जुलाई, 2026 में सेवानिवृत्त होने वाले थे. वहीं खुरानिया विशेष महानिदेशक (पश्चिम) के रूप में भारत के पश्चिमी हिस्से में जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से लगी लगभग 2,289 किलोमीटर लंबी पाकिस्तान सीमा पर बल के गठन का नेतृत्व कर रहे थे.
घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों से घिरा जम्मू क्षेत्र इस सीमा का 485 किलोमीटर हिस्सा है. करीब 2.65 लाख कर्मियों वाला बीएसएफ पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमाओं की रक्षा करता है.
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