केरल के वायनाड में हुई त्रासदी पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने विवादित टिप्पणी की है. उनका कहना है कि केरल में गो हत्या होती है और इसी कारण वहां इस तरह की आपदाएं आती हैं. उन्होंने कहा कि जहां भी गो हत्या होगी, वहां इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी. आहूजा ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी घटनाएं होती हैं और बादल फटते हैं, लेकिन वायनाड जैसी स्थिति नहीं होती.

वायनाड के मुंडक्कई, चूरलमाला, और मेप्पडी गांवों में 30 जुलाई को कई भूस्खलन की घटनाएं हुईं. इस त्रासदी में अब तक 358 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 400 लोग अब भी लापता हैं जिनकी तलाश जारी है. वायनाड के अतिरिक्त डीजीपी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है और छह टीमें इसमें लगी हुई हैं, जिनमें से पांच लैंड जोन में और एक टीम वाटर जोन में सर्च अभियान चला रही है.

जम्मू-कश्मीर में IASI के लिए काम कर रहे 6 सरकारी कर्मचारियों पर गिरी गाज

केरल सरकार ने इस बचाव कार्य के लिए केंद्र से सहायता मांगी है. उत्तर कमान से एक जेवर रडार और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू ऑर्गनाइजेशन, दिल्ली से चार रीको रडार को वायुसेना के विमान से वायनाड पहुंचाया गया है.

दिल्ली IAS कोचिंग सेंटर हादसे को लेकर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार

इस बीच, वन अधिकारियों के एक रेस्क्यू अभियान ने सबका ध्यान आकर्षित किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार को कलपेट्टा रेंज के वन अधिकारी के हशीस की अगुवाई में एक टीम ने एक आदिवासी परिवार को बचाने के लिए जंगल में एक खतरनाक यात्रा की, जिसमें 1 से 4 साल की उम्र के चार बच्चों को सुरक्षित निकाला गया.