गोरखपुर. पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा को लेकर लगातार बवाल मचा है. अब आखिरकार सोमवार को उनकी जयंती के अवसर पर प्रतिमा का अनावरण होने जा रहा है. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई नेताओं को आमंत्रित किया है. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, समेत कई लोग शामिल हैं. हालांकि अखिलेश यादव के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर असमंजस है.

उन्होंने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है. उन्होंने लिखा है कि ‘लोकप्रिय विधायक रहे उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. श्री हरिशंकर तिवारी जी की जयंती, 5 अगस्त, पर चिल्लूपार, गोरखपुर में उनकी प्रतिमा के ‘स्थापना-समारोह’ के संदर्भ में आयोजित ‘विकास की अवधारणा एवं जन नायक पं. हरिशंकर तिवारी’ विषयक संगोष्ठी में बीज वक्तव्य देने हेतु आपके स्नेह-आमंत्रण पर हार्दिक धन्यवाद! पूर्व नियोजित कार्यक्रमों में व्यस्तताओं के बावजूद भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का पूरा प्रयास रहेगा. इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं!’

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प्रशासन ढहाया था चबूतरा

बता दें कि पूर्वांचल की राजनीति के बेताज बादशाह रहे हरिशंकर तिवारी की जयंती पर 5 अगस्त को उनकी प्रतिमा स्थापित करने की योजना थी. प्रतिमा लगाने के लिए उनके पैतृक गांव टांडा में चबूतरा बनाया गया था, जिसे प्रशासन ने बीते बुधवार को बुलडोजर से ढहा दिया. इस कार्रवाई को हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी ने ब्राह्मण स्वाभिमान से जोड़ा और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले में समर्थन जताया था. अब देखने वाली बात ये है कि प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम में वे खुद पहुंचते हैं या नहीं.

सरकारी आदेश के बिना लगाई जा रही थी प्रतिमा

चबूतरा तोड़ने को लेकर प्रशासन का कहना था कि ग्राम सभा की जमीन पर बिना किसी की अनुमति के चबूतरे का निर्माण किया गया था. जिसे लेकर गांव के निवासी राजावशिष्ट त्रिपाठी ने प्रशासन से शिकायत की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकारी भूमि पर बिना शासन के आदेश के प्रतिमा लगाई जा रही है और ग्राम सभा के मुख्य द्वार का नाम बदला जा रहा है. इस शिकायत के आधार पर प्रशासन ने कार्रवाई की.

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