प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस की खराब जांच के लिए आलोचना की है। उन्नाव पुलिस की जांच से न्यायालय नाखुश है। कोर्ट ने पुलिस इन्वेस्टिगेशन पर सवाल उठाए है। यह पूरा मामला नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म मामले की जांच से जुड़ा हुआ है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में यूपी पुलिस की ‘खराब’ जांच के लिए आलोचना की है। कोर्ट ने यूपी के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को सूचीबद्ध होने की अगली तारीख तक जांच अधिकारी, पर्यवेक्षण अधिकारी, निगरानी अधिकारी और अन्य उच्च अधिकारियों की जवाबदेही से संबंधित परिपत्रों को संलग्न करते हुए एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा है।

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न्यायमूर्ति राजीव सिंह की पीठ ने कहा कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में लड़की के 9 सप्ताह के गर्भवती होने की पुष्टि होने के बावजूद, जांच अधिकारी उसकी गर्भावस्था के बारे में महत्वपूर्ण सवाल पूछने में विफल रहे। इस चूक को पर्यवेक्षण अधिकारी ने भी नजरअंदाज कर दिया।

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हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ‘यह जांच और पर्यवेक्षण की खराब गुणवत्ता का एक अनोखा मामला है। वर्तमान मामले में यह पाया गया है कि पीड़िता की आयु लगभग 14 वर्ष है और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि वह 9 सप्ताह की गर्भवती थी। लेकिन जांच अधिकारी ने उसकी गर्भावस्था के बारे में कोई विशेष प्रश्न नहीं पूछा। पर्यवेक्षण अधिकारी ने भी इसका पालन नहीं किया।’