नई दिल्ली . दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने खाली पड़े पदों पर भर्तियों के अधिकार को लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर अपने कार्यालय के माध्यम से झूठ प्रसारित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपील की है कि LG अप्रत्यक्ष रूप से कार्यालय या अधिकारियों के माध्यम से झूठ प्रचारित करने के बजाय सामने आकर कहें.

उन्होंने कहा कि LG को बीते साल से बार-बार पत्र लिखने के बाद भी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल के खाली पदों पर भर्तियां नहीं हो रही हैं. दिल्ली सचिवालय में रविवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में भारद्वाज ने कहा कि एक खबर उपराज्यपाल के कार्यालय से प्रसारित की गई कि भर्ती की जिम्मेदारी सरकार की है. हम LG से पूछना चाहते हैं कि अगर ऐसा है तो फिर वह हमारे कहने पर सरकारी अस्पतालों में खाली पदों पर भर्ती क्यों नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 30 फीसदी डॉक्टर, 20 फीसदी नर्स और 1658 पद अलग-अलग तकनीशियन के खाली हैं. उन्हें लेकर अप्रैल 2023 में पत्र लिखा गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. ऐसा लगता है कि षड्यंत्र के तहत सरकारी अस्पतालों में लंबे समय से खाली पदों पर भर्तियों को रोका जा रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सर्विसेज विभाग सीधे तौर पर उपराज्यपाल के अधीन आता है. दिल्ली सरकार में रिक्त पदों पर भर्ती का काम इसी विभाग का है. अस्पतालों में खाली पदों पर भर्ती को लेकर 19 अप्रैल 2023 को मैंने उपराज्यपाल को पत्र लिखा. उसमें यह भी लिखा था कि यह भर्ती अनुबंध के आधार पर की जाएं, क्योंकि UPSC के माध्यम से लंबा समय लगेगा. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 292 जनरल मेडिकल ड्यूटी ऑफिसर (GDMO), 234 विशेषत्र की कमी है. उस पर कुछ नहीं हुआ तो मैंने 6 जून 2023 को दोबारा उन्हें पत्र लिखा. मैंने उन्हें कहा कि UPSC के माध्यम से डॉक्टर की भर्ती करने में बहुत लंबा समय लगेगा. कई अस्पतालों में मेडिकल उपकरण है, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों के ऑपरेशन और अन्य इलाज नहीं हो रहा है.

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शासन की विफलता का सच सामने आया राजनिवास

आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज की प्रेसवार्ता के बाद राजनिवास ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. राजनिवास द्वारा जारी बयान में कहा कहा गया है कि आप की 10 वर्षों की शासकीय विफलता, जो विज्ञापनों और प्रचार के आवरण में छिपी हुई थी, अब सामने आ गई है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मॉडल की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है. दिल्ली हाई कोर्ट ने अस्पतालों की बुरी स्थिति का स्वत संज्ञान लिया और सौरभ भारद्वाज को व्यक्तिगत रूप से तलब किया. कोर्ट ने डॉ. एसके सरीन की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की, जिसका उद्देश्य सुधार लाना था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री भारद्वाज ने इस रिपोर्ट पर कोई चर्चा नहीं की.

आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज अप्रैल 2023 से जून 2024 के बीच 4 से अधिक बार पत्र लिखकर पदों पर भर्ती करने की अपील भी कर चुके हैं.